रामपुर के सुरक्षा पॉलीक्लिनिक एंड मेटरनिटी सेंटर में जच्चा-बच्चा की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग ने छापा मारा। अस्पताल बंद मिलने पर उसे सील कर दिया गया। बता दें, जिले में करीब 13 हजार अस्पताल हैं। इनमें सिर्फ 131 ही पंजीकृत हैं।
दरअसल, दरोगा पेट्रोल पंप के पीछे सुरक्षा पॉलीक्लिनिक एंड मेटरनिटी सेंटर है। इसका संचालक डॉ. आदिल रसूल और डॉ. मसर्रत रियाज है। 15 मई को पहाड़ी गेट आवासीय काशीराम कॉलोनी निवासिनी जेबा खान को डिलीवरी के लिए यहां पर भर्ती कराया गया।
डिलीवरी के दौरान हुई थी जच्चा-बच्चा की मौत
परिजनों के मुताबिक, डॉ. मसर्रत रियाज ने जेबा को एडमिट कर उसका इलाज शुरू किया। डिलीवरी के दौरान जच्चा-बच्चा की हालत बिगड़ गई। परिजन प्रसूता को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे। डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया।
अस्पताल प्रशासन के खिलाफ दी थी तहरीर
परिजनों ने सुरक्षा पॉली क्लीनिक के खिलाफ तहरीर दी। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी थी। उधर, 36 घंटे बाद डिप्टी सीएमओ डॉ. दशरथ सिंह ने टीम के साथ सुरक्षा पॉलीक्लिनिक पर छापा मारा। इस दौरान अस्पताल में कोई नहीं मिला।
वहीं गेट पर ताला लटक रहा था। स्वास्थ्य टीम ने अस्पताल को सील कर दिया। वहीं, डिप्टी सीएमओ डाॅ. दशरथ सिंह ने बताया कि अस्पताल सील कर कागज़ चेक किए जा रहे हैं। संभावना है कि अस्पताल पंजीकृत है।
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