रामपुर में 11 दिसंबर को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है। यहां पर मामलों को आपसी सुलह और समझौते के आधार पर निपटाया जाएगा। न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गौरव कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि जल्दी, सस्ता, आसान न्याय पाना हर भारतीय नागरिक का मौलिक अधिकार है।
उच्चतम न्यायालय के आदेश अनुसार तहसील से लेकर उच्चतम न्यायालय तक के मामले राष्ट्रीय लोक अदालत में सुलह समझौते के आधार पर निस्तारित किए जा सकते हैं। इसके लिए सिर्फ एक आवेदन देकर अंतिम आदेश व निर्णय प्राप्त किया जा सकता है। हमेशा के लिए और लंबे समय से लंबित मामलों से छुटकारा पाने का यह स्वर्णिम अवसर है।
नहीं उठाना होगा खर्च
राष्ट्रीय लोक अदालत में उन लोगों को न्याय मिल सकेगा जो वर्षों से मुकदमों में सम्मिलित हैं या फिर उन्हें उचित न्याय नहीं मिल पा रहा है। पुलिस उत्पीड़न, भरण पोषण, पारिवारिक विवाद, जमीन, जायदाद व अन्य विभागीय मामलों को सुलह समझौते के आधार पर निपटाया जाएगा। इसके लिए पक्षकार खुद भी पहल कर सकते हैं। सुलह समझौते के आधार पर न्याय पाने की प्रक्रिया में उन्हें कोई खर्चा नहीं करना पड़ेगा। यह पूर्णतया निशुल्क होगा।
न्याय शुल्क की वापसी की भी व्यवस्था है
लोक अदालत में निस्तारण के लिए किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाएगा, साथ ही लंबित मामलों के लोक अदालत में निस्तारण पर न्याय शुल्क की वापसी की भी व्यवस्था है। इससे बड़ी बात लोक अदालत द्वारा आपसी भाईचारे के तहत पारित निर्णय के विरूद्ध कोई अपील नहीं हो सकती। कानूनी जटिलताओं से उलट लोक अदालत की प्रक्रिया सहज और आपसी समझौते पर आधारित होगी।
इन मामलों का करा सकते निस्तारण
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रामपुर के पूर्णकालिक सचिव रमेश कुशवाहा ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में फौजदारी, वैवाहिक, पारिवारिक, स्टांप, पंजीयन, मोटर अधिनियम, चकबंदी, मोटर दुर्घटना, भूमि अधिग्रहण, ऋण वसूली, बैंक रिकवरी, मनरेगा, स्थाई लोक अदालत के मामले आदि की सुनवाई होगी।
इसके लिए किसी भी लंबित वाद, विवाद, शिकायत को राष्ट्रीय लोक अदालत में समझौते के आधार पर निस्तारण हेतु संबंधित फोरम, अधिकरण, न्यायालय के पीठासीन अधिकारी, जनपद न्यायालय, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से संपर्क कर निस्तारण करवाया जा सकता है।
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