म्यांमार बार्डर से यूपी तक रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठ बढ़ी:यूपी में 16 संदिग्ध रोहिंग्या मुसलमान गिरफ्तार; मेरठ-अलीगढ़ में सबसे ज्यादा एक्टिव

सहारनपुर9 महीने पहले
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यूपी में आतंकी संगठनों के साथ रोहिंग्या की घुसपैठ ने सुरक्षा एजेंसियों के लिए नई चुनौती खड़ी कर दी है। रोहिंग्या ने मेरठ, अलीगढ़, बुलंदशहर और देवबंद समेत वेस्ट यूपी के जिलों में बड़ा नेटवर्क खड़ा कर लिया है। सुरक्षा एजेंसियों ने जनवरी 2021 से 22 जून 2022 तक पश्चिमी यूपी से 16 संदिग्ध रोहिंग्या मुसलमानों को गिरफ्तार कर चुकी है। एजेंसियों ने ऑपरेशन तेज कर दिया है।

म्यांमार बॉर्डर पार कराने वाला भी गिरफ्तार
साल 2021 में दो मार्च को उन्नाव, नोएडा और अलीगढ़ से एक-एक, 12 मार्च को सहारनपुर से दो, आठ जून में गाजियाबाद में दो, 17 जून को अलीगढ़ से चार और 18 जून को मेरठ-बुलंदशहर से चार और देवबंद में एक रोहिंग्या को सुरक्षा एजेंसियों ने गिरफ्तार किया। रोहिंग्या मुसलमानों को म्यांमार बार्डर से भारत लाने वाला मेरठ अल्लीपुर गांव का हाफिज शफीक पकड़ा गया। वो भारत में लाने वाले रोहिंग्या के फर्जी पहचान पत्र बनवाता था। देश विरोधी गतिविधियों में इस्तेमाल करवाता था।

आमिर और नूर आलम को यूपी के गाजियाबाद से गिरफ्तार किया गया था।
आमिर और नूर आलम को यूपी के गाजियाबाद से गिरफ्तार किया गया था।

2 हजार रोहिंग्या और बांग्लादेशी होने का इनपुट
यूपी में करीब 2 हजार से ज्यादा रोहिंग्या और बांग्लादेशी अवैध रूप से रह रहे हैं। इसमें वेस्ट यूपी में इनकी तादाद करीब 15,00 है। साल 2021 में मेरठ, बुलंदशहर और अलीगढ़ में रोहिंग्या पकड़े गए। सुरक्षा एजेंसियों को पूछताछ में दिल्ली का रहने वाला आमिर हुसैन का नाम सामने आया था। जो रोहिंग्या को भारत का बॉर्डर पार कराता था। यही नहीं, 6 जनवरी 2021 को संत कबीर नगर में रहने वाले अजीजुल्लाह को गिरफ्तार किया था। 28 फरवरी को अलीगढ़ के कमेला रोड पर रहे मोहम्मद फारुख और हसन को पकड़ा। जबकि फारुख के भाई शाहिद को एक मार्च को उन्नाव से गिरफ्तार किया। यह लोग म्यांमार और बर्मा के रहने वाले थे।

28 अप्रैल 2022 को बांग्लादेशी तलहा को गिरफ्तार किया गया था।
28 अप्रैल 2022 को बांग्लादेशी तलहा को गिरफ्तार किया गया था।

स्लाटर हाउस में मजदूरों की आड़ में हो रही घुसपैठ
यूपी में जितने भी स्लाटर हाउस हैं। उनमें बिहार, पश्चिम बंगाल, केरल के मजदूरों की डिमांड रहती है। इसी की आड़ में पूरा खेल चलता है। इन मजदूरों को लाने की आड़ में बांग्लादेशी और रोहिग्या मजदूर को यूपी में एंट्री दिलाई जाती है। यूपी ATS की माने तो भारत में ये गिरोह सक्रिय है। इनको स्लाटर हाउस में काम दिलाया जाता है। इसके बदले में रकम वसूली जाती है।

इन चार रोहिंग्या को यूपी के मेरठ से गिरफ्तार किया गया था।
इन चार रोहिंग्या को यूपी के मेरठ से गिरफ्तार किया गया था।

देवबंद से 11 सालों में हुई गिरफ्तारियां भी पढ़िए

  • साल 2001 में मुफ्ती इसरार को आतंकी गतिविधियों के चलते सहारनपुर मदरसे से गिरफ्तार किया गया।
  • साल 2005 में अयोध्या में हुए बम विस्फोट मामले का आरोपी इरफान भी देवबंद गया था।
  • साल 2009 को पाकिस्तानी एजेंसी ISI का एजेंट आमिर अहमद उर्फ बूरा गिरफ्तार किया गया।
  • साल 2016 में दिल्ली पुलिस ने देवबंद से आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के 12 संदिग्ध युवकों को पकड़ा था।
  • साल 2017 को बांग्लादेशी आतंकी अब्दुल्ला देवबंद से गिरफ्तार हुआ था।
  • साल 2018 को देवबंद से जुनैद खान (रोहिंग्या) गिरफ्तार किया गया था।
  • साल 2019 को देवबंद से 5 बांग्लादेशी गिरफ्तार किए गए थे।
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