सहारनपुर के SBD जिला अस्पताल में मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराने वाले करीब 27 मरीजों की आंख की रोशनी चली गई है। मामला सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है। सभी मरीज अलग-अलग अस्पतालों में अब अपना इलाज करा रहे हैं। आठ मरीजों को इलाज के लिए चंडीगढ़ पीजीआई भेजा गया है और बाकी मरीज अन्य अस्पतालों में अपना इलाज करा रहे हैं।
इस मामले में हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने जिला अस्पताल में हंगामा करते हुए चिकित्सक पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका आरोप है कि चिकित्सकों की लापरवाही के कारण लोगों को अपनी रोशनी खोनी पड़ी है।
दो दिसंबर को कराया था मोतियाबिंद का ऑपरेशन
जिला अस्पताल में दो दिसंबर को एक आई सर्जन ने मोतियाबिंद के 27 ऑपरेशन कर लेंस लगाए थे। अलग-अलग मोहल्लों और ज्यादातर गांव के मरीज ऑपरेशन कराने के बाद अपने-अपने घर चले गए थे। कुछ दिन बाद ही एक आंख से नहीं दिखाई देने की शिकायतें मिलनी शुरू हो गईं। परिजन मरीजों को लेकर जिला अस्पताल पहुंच रहे थे और चिकित्सक दवा देकर उन्हें वापस भेज देते थे।
आंखों में आने लगी सूजन
परिजनों का कहना है कि दवाई के बाद भी मरीजों को आराम नहीं हुआ। आंखों में सूजन आने के कारण आंखों से दिखना बंद हो गया। बाद में खून भी निकलना शुरू हो गया। परिजनों ने मरीजों को निजी अस्पतालों में दिखवाया, तो उन्होंने भी हाथ खड़े कर दिए।
हल्की क्वालिटी के हैं लेंस
जिला अस्पताल में करीब 250 रुपये तक के लेंस मरीजों की आंखों में डालने के लिए आते हैं। लेंस की क्वालिटी हल्की होने के कारण कई बार मरीजों की आंखों की रोशनी चली जाती है। सरकारी लेंस और निशुल्क ऑपरेशन के कारण गरीब लोग अपना इलाज कराने के लिए पहुंचते हैं।
हिंदू संगठन के लोगों ने कार्रवाई की मांग की
हिंदू संगठन के लोग मंगलवार को जिला अस्पताल में पहुंचे और सीएमओ डॉ. संजीव मांगलिक का घेराव किया। उन्होंने चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। इसके बाद सीएमओ ने कमेटी बनाकर जांच करने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि हिंदू संगठन के लोगों द्वारा शिकायत की गई है। मामले की जांच कराई जाएगी।
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