यूपी में भाजपा को एक के एक झटका लग रहा है। राजनीतिक पार्टियों में नेताओं की उथल-पुथल से मतदाताओं भी पार्टी और उम्मीदवार का चयन करने में पज़ल हो गए है। 11 जनवरी को स्वामी प्रसाद मौर्य के भाजपा छोड़कर सपा में जाने की घोषणा करने और सपा हाईकमान के समर्थन में लिस्ट सौंपी गई। जिसमें भाजपा सरकार में आयुष मंत्री डा.धर्म सिंह सैनी का नाम भी था। लेकिन डा.धर्म सिंह सैनी ने स्वामी प्रसाद मौर्य को अपना बड़ा भाई बताते हुए लिस्ट का खड़न किया था और गलत बताया था। चुनाव भी भाजपा से लड़ने का दावा किया था। लेकिन दो दिनों में ऐसे समीकरण बदले की उन्होंने गुरुवार को भाजपा को अपना इस्तीफा भी सौंप दिया।
दो दिन में बदली जुबान
आयुष मंत्री डा.धर्म सिंह सैनी ने 11 जनवरी को बोला था कि 'मैं भाजपा नहीं छोडूंगा'। हालांकि उन्होंने स्वामी प्रसाद मौर्य को अपना बड़ा होने और रहने की बात कही थी। जिससे एक समर्थन दिखाई दे रहा था। उन्होंने यह भी कहा था कि भाजपा छोड़कर सपा में शामिल होने उन्हें सूचना नहीं है। उन्होंने भाजपा क्यों छोड़ी है, इसका कारण भी उन्हें पता नहीं था। स्वामी प्रसाद द्वारा सपा में जाने वाले विधायकों की सूची में मेरा नाम दिया गया था, जिसे उन्होंने गलत बताया था। उन्होंने यह भी कहा था कि वह भाजपा छोड़कर नहीं जाएंगे।
नकुड़ मेरी कर्मभूमि, 20 साल है विधायक
13 जनवरी को दैनिक भास्कर से फोन पर डा.धर्म सिंह सैनी बताया कि नकुड़ और सरसावा मेरी कर्मभूमि है और रहेगी। 20 साल से लगातार मुझे नकुड़ की जनता ने भरपूर प्यार दिया और हर बार विधानसभा में भेजा। एक बार कैबिनेट मंत्री, लोक लेखा समिति के चेयरमैन व आयुष मंत्री नकुड़ की जनता के आशीर्वाद से बना हूं। 20 साल से लगातार नकुड़ क्षेत्र में किसी भेदभाव के बिना रिकॉर्ड विकास कार्य किये हैं।
डा.सैनी ने कहा कि मेरे कार्यकाल में नकुड़ क्षेत्र में कोई जातपात धर्म आदि का बिना सहारा लिए जनता का आशीर्वाद रहा है और 2022 में भी नकुड़ की जनता का प्यार और आशीर्वाद लेकर चुनाव लडूंगा। डा.धर्म सिंह सैनी ने कहा कि राजनीति में अक्सर विपक्षी लोग जातपात का सहारा लेकर बदनाम करने का कार्य करते हैं, लेकिन नकुड़ की जनता ने हर बार इनको सबक सिखाया है। इस बार नकुड़ की जनता अपने मुझे रिकॉर्ड मतों से जीता कर भेजेगी।
2016 में भाजपा में हुए थे शामिल
11 सितंबर 2016 को सहारनपुर में मायावती की रैली से पहले डा.धर्म सिंह सैनी की भाभी का निधन हो गया था। बसपा से निष्कासित स्वामी प्रसाद मौर्य सैनी परिवार को सांत्वना देने के लिए पहुंचे थे। जिसकी सूचना बहन जी तक पहुंची थी। जिस कारण पूर्व मुख्यमंत्री नाराज थी। हालांकि रैली से पहले डा.धर्म सिंह सैनी पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।
रैली के दो दिन बार ही धर्म सिंह सैनी को लखनऊ बुलाकर टिकट काटने की जानकारी दी। हालांकि बसपा का सच्चा सिपाही बताते हुए बहन जी के समक्ष अपनी सफाई दी थी, लेकिन मायावती ने एक भी नहीं सुनी थी। लखनऊ से सहारनपुर आने के बाद उन्होंने बगावत कर दी। 21 सितंबर को लखनऊ में स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ भाजपा की एक रैली में भाजपा ज्वाइन कर ली थी।
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