उत्तर प्रदेश के थाना सरसावा के सोराना में बाबा बंसी वाले की अस्थियों को लेकर दो पक्षों में लाठी-डंडे और गोलियां चल गई। दोनों पक्षों के घायल एक दर्जन लोग घायल हो गए। मौके पर पहुंची पुलिस ने घायलों को सीएचसी में भर्ती कराया। चिकित्सक ने कई लोगों को जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया।
दो लोगों ने मिलकर दी थी मुखाग्नि
यह पूरा मामला थाना सरसावा के सोराना का है। यहां रहने वाले बाबा बंसी वाले की बीमारी के चलते 7 जुलाई की रात मौत हो गई थी। अगले दिन सौराना से यमुना नदी के राजघाट तक करीब आठ किलोमीटर तक पैदल साढ़े तीन घंटे की शवा यात्रा निकाली गई थी। गांव के पंड़ित रविंद्र शर्मा व विनय चौधरी ने संयुक्त रूप से मुखाग्नि दी थी। अंतिम संस्कार के बाद बाबा की अस्थियों को दो भागों में बांटा गया था। विनय ने अस्थियों को हरिद्वार में प्रवाहित कर दिया था। जबकि रविंद्र ने आधी अस्थियों को प्रवाहित कर दिया था, जबकि आधी को बाबा बंसी वाली की इच्छा के अनुसार उनके गुरु की समाधि के पास दफना दिया था।
बाबा की असस्थियों को लेकर भिड़े दोनों पक्ष
बुधवार सुबह से ही बाबा बंसी वाले कि अस्थियों को लेकर सोराना के हनुमान मंदिर में पंचायत हो रही थी। आरोप है कि जमीन से निकाल रहे विनय पक्ष के लोगों को दूसरे पक्ष पंडित रविन्द्र शर्मा पक्ष ने रोका तो कहासुनी हो गई। मामले ने तूल पकड़ लिया और दो पक्ष आपसे में भिड़ गए। जिसमें दोनों पक्षों के एक दर्जन से ज्यादा लोग घायल हो गई।
मारपीट के दौरान कई राउंड फायरिंग
झगड़े में कई राउंड गोलियां चलने की भी सूचना है। विनय पक्ष के नरेश ने दूसरे पक्ष के अमित और वंश पर गोली का आरोप लगाया है। झगड़े में पहले पक्ष के नरेश,समय सिंह, विनीत, सुरेंद्र,विनय, राकेश और सुरेंद्र घायल हो गए। जबकि दूसरे पक्ष के पंडित रविन्द्र शर्मा,अंकित, संजय, सचिन ओर अमित घायल हो गए। सूचना पर पहुंची थाना पुलिस ने घायलों को सीएचसी में भर्ती कराया। चिकित्सक ने कुछ को जिला अस्पताल रेफर कर दिया। थाना सरसावा प्रभारी धर्मेंद्र ने बताया कि आधा दर्जन लोग घायल हुए है। मामले की जांच की जा रही है।
यह था मामला
बुधवार सुबह 12.30 बजे बाबा बंसी वाले कि अस्थियों को लेकर सोराना के हनुमान मंदिर में दोनों पक्षों की पंचायत हो रही थी। पंचायत में हरिद्वार से भी बाबा के समर्थक आये थे। संयुक्त रूप से बाबा को मुखाग्नि देने वाले विनय चौधरी का आरोप है कि पंडित रविन्द्र शर्मा पक्ष के लोगों ने समय देकर पहले ही बाबा की अस्थियां इकट्ठा कर ले गए थे। जब हम समय पर पहुंचे तो वहां अस्थियां नही थी। तो बाबा की राख लेकर हमने हरिद्वार में विसर्जित की। जिसके बाद पंचायत रखी गई है। वहीं रविन्द्र शर्मा पक्ष का आरोप है कि विनय पक्ष के लोग बाबा की समाधि से अस्थियों को निकाल रहे थे। जिससे यह विवाद हुआ है।
बाबा की संपत्ति भी है कारण
लोगों का कहना है कि बाबा की संपत्ति भी विवाद का कारण हो सकती है। बाबा के दो बोरी नोट एक पक्ष के पास है। जिस कारण विवाद हुआ है। हालांकि अभी तक इसकी पुष्टि नही हो पाई है। लेकिन विवाद संपत्ति को लेकर ही बताया जा रहा है।
बाबा बंसी वाले कि बीमारी के चलते 7 जुलाई की रात मौत हो गई थी। अगले दिन सौराना से यमुना नदी के राजघाट तक करीब आठ किलोमीटर तक पैदल साढ़े तीन घंटे की शवा यात्रा निकाली गई थी। गांव के पंड़ित रविंद्र शर्मा व विनय चौधरी ने संयुक्त रूप से मुखाग्नि दी थी।
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