सहारनपुर में जुमे की नमाज से करीब चार घंटे पहले यानी 10 बजे गांव शेखपुरा कदीम में नूपुर शर्मा के पोस्टर चस्पा करने की सूचना पुलिस को मिली थी। जिसके बाद पुलिस जिला प्रशासन और पुलिस ने दौड़ लगा दी और शेखपुरा से पोस्टर को हटवाया गया। शेखपुरा गांव से तीन युवाओं को गिरफ्तार किया गया। जिसके बाद शहर में कई मोहल्लों मंडी समिति रोड, खाताखेड़ी, चौक फव्वारा सहित करीब 10 जगहों पर पोस्ट चिपकाए गए।
सुबह ही शेखपुरा कदीम में चस्पा किए थे पोस्टर
जामा मस्जिद के बाहर जो हुआ, वो एक लंबे समय से सोची समझी प्लानिंग है। यहां युवाओं को आगे कर उपद्रव का खेल खेला गया। कानपुर हिंसा के बाद भाजपा नेता नुपूर के मोहम्मद साहब वाले बयान के बाद मुस्लिम समाज ने तय कर लिया था कि शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद बड़ी वारदात को देशभर में अंजाम दिया जाएगा। इसकी प्लानिंग कई दिनों से चल रही थी, क्योंकि एक दिन में बड़ी संख्या में पोस्टर नहीं छपते।
कहां छपे नुपुर शर्मा के पोस्टर
सूत्रों का कहना है कि जिले में करीब 10 हजार पोस्टर छपवाए गए थे। जिन्हें पूरे जिले के गांव-गांव और मोहल्ले-मोहल्ले में चिपकाने थे। पुलिस जिस जगह पोस्टर छपे हैं, उसकी भी छानबीन करने में जुटी है। क्योंकि पुलिस कहीं न कहीं इस हंगामे को अपना फेलियर मान रही है। हालांकि पत्थराव और लाठी चार्ज में एक कांस्टेबल और एक भाजपा को चोट आई है।
कुछ बड़ा करने की प्लानिंग में थी उग्र भीड़
पुलिस ने करीब 45 युवाओं को गिरफ्तार किया है। जिनमें से 31 युवा नगर से हैं और 14 देवबंद है। कुछ के पास से चाकू के साथ तमंचे भी बरामद हुए है। सभी से पूछताछ की जा रही है। पुलिस इनसे उपद्रव करने की मंशा जानने की कोशिश कर रही है? किसके इशारे पर सब यह हुआ? किसने पोस्टर छपवाने के पैसे दिए। क्योंकि मुस्लिम समाज के उग्र युवा नुपुर शर्मा की गिरफ्तारी तक सीमित नहीं थे। पुलिस सूत्रों का कहना है कि युवाओं की उग्र भीड़ कुछ बड़ा करने का प्लान किया था। लेकिन पुलिस ने इनके मंसूबों पर पानी फेर दिया।
राजनीतिक रंग ले सकता था उपद्रव
जामा मस्जिद में नारेबाजी से शुरू हुआ उपद्रव। बड़ा रूप ले सकता था। सूत्रों की माने तो उपद्रव होगा, इसकी सूचना पुलिस प्रशासन को थी। यहीं कारण था पुलिस नौ जून से ही लगातार मिश्रित आबादी वाली क्षेत्रों में गश्त कर रही थी। जामा मस्जिद से घंटाघर की दूरी करीब एक किलोमीटर है। जिस सड़क पर उग्र भीड़ ने तांडव मचाया। दुकानों को जबरन बंद कराया और तोड़फोड़ भी की। यहीं नहीं दुकान में काम करने वाली कई युवती से बदतमीजी भी की। भाजपा कार्यकर्ता को चोट लगी तो भाजपा नेताओं के साथ कई हिंदू संगठन भी सड़कों पर उतर गए थे। हालांकि प्रशासन ने सबको समझाकर वापस करा दिया।
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