ग्राउंड रिपोर्टहाईवे पर जहां पंत की मर्सिडीज पलटी, वो ब्लैक-स्पॉट:हर महीने यहां 7-8 एक्सीडेंट होते हैं, सड़क परिवहन विभाग ने की स्पॉट की जांच

रुड़की3 महीने पहलेलेखक: अमित गुप्ता
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NH 58 नेशनल हाईवे (दिल्ली–हरिद्वार) पर रुड़की के पास क्रिकेटर ऋषभ पंत की कार का एक्सीडेंट हुआ। हादसा जिस जगह पर हुआ, वहां 50 मीटर तक सड़क ऊबड़-खाबड़ है। गड्ढ़े हैं, गिट्‌टी बिखरी पड़ी है। प्रशासन ने इस जगह को ब्लैक स्पॉट घोषित कर रखा है। हालांकि, हादसे के पहले तक इस स्पॉट पर डेंजर जोन एक साइन बोर्ड नहीं लगा था। अब हादसे के बाद प्रशासन ने यहां साइन बोर्ड लगा दिया है। स्पॉट की नाप-जोख करने सड़क परिवहन विभाग के अधिकारी भी पहुंचे। आज दिल्ली और देहरादून से भी कुछ अधिकारी यहां जांच के लिए पहुंच रहे हैं।

  • हादसे के बाद दैनिक भास्कर रिपोर्टर इस स्पॉट पर पहुंचे। पूरे घटनाक्रम की पड़ताल की। पढ़िए पूरी रिपोर्ट...
यह फोटो दिल्ली-हरिद्वार हाईवे की है। इसी तरह के गड्‌ढ़ों की वजह से पंत की कार जंप कर गई थी।
यह फोटो दिल्ली-हरिद्वार हाईवे की है। इसी तरह के गड्‌ढ़ों की वजह से पंत की कार जंप कर गई थी।

पुलिस ने कैमरे पर बोलने से किया मना, लेकिन बताया यहां हादसे होते हैं
नारसन चौकी पर एक पुलिसकर्मी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर बताया, "हाईवे के इस स्पॉट पर हर महीने में 7 से 8 एक्सीडेंट इन्हीं गड्ढे के चलते होते हैं। कई बार तो ऑन द स्पॉट लोगों की मौत हो जाती है। कुछ समय पहले भी बड़ा एक्सीडेंट हुआ था। जिसमें मौत हो गई थी।

ऋषभ पंत की कार एक्सीडेंट की वजह भी यही गड्ढे हैं। क्योंकि यहां स्पीड में नियंत्रण रख पाना मुश्किल होता है। पंत के हादसे के बाद इस स्पॉट को लेकर अधिकारियों ने कुछ भी बोलने से मना किया है। हर माह इस ब्लैक स्पॉट पर 2 से 3 एक्सीडेंट हो जाते हैं।"

सड़क परिवहन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी पंत के कार एक्सीडेंट के बाद ब्लैक स्पॉट वाली जगह की नपाई-जुखाई करने भी पहुंचे।
सड़क परिवहन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी पंत के कार एक्सीडेंट के बाद ब्लैक स्पॉट वाली जगह की नपाई-जुखाई करने भी पहुंचे।

लोगों ने बताया- शिकायत के बाद भी नहीं सुनती पुलिस
स्थानीय लोगों का कहना है कि रोड पर इसी जगह हर महीने 7-8 एक्सीडेंट होते हैं। पिछले महीने 2 लोगों की जान चली गई थी। हादसा ब्लैक स्पॉट के चलते ही हुआ है। हम लोगों ने प्रशासन से कई बार शिकायत की, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। अब पंत के एक्सीडेंट के बाद प्रशासन अलर्ट हुआ है।

पुलिस ने पंत के एक्सीडेंट के बाद ब्लैक स्पॉट वाली जगह पर डेंजर जोन का साइन लगा दिया।
पुलिस ने पंत के एक्सीडेंट के बाद ब्लैक स्पॉट वाली जगह पर डेंजर जोन का साइन लगा दिया।

क्यों है यह जगह ब्लैक स्पॉट?
हाईवे पर इस जगह हल्का कर्व है। यहीं से एक रजवहा (छोटी नहर और रास्ता) निकलता है। इस जगह करीब 50 मीटर तक सड़क ऊबड़-खाबड़ है। गिट्‌टी भी सड़क पर बिखरी रहती है। यह ब्लैक स्पॉट इसलिए भी कहा जाता है, क्योंकि यहां से 3 रास्ते जुड़ते हैं। तीनों के बीच में एक छोटा टीला बना हुआ है। प्रशासन ऐसे दुर्घटना बहुल इलाके को ब्लैक स्पॉट के तौर पर चिह्नित करती है। स्पीड लिमिट साइन बोर्ड भी लगवाती है, लेकिन इस जगह पर पंत के हादसे के पहले तक ऐसा कोई बोर्ड नहीं लगा था।

50 मीटर सड़क ऊबड़-खाबड़ है। छोटे-बड़े अनगिनत गड्‌ढे हैं।
50 मीटर सड़क ऊबड़-खाबड़ है। छोटे-बड़े अनगिनत गड्‌ढे हैं।

सुबोध बोले- दो महीने पहले मेरे गांव के तीन लोगों की मौत हुई थी
स्थानीय नागरिक सुबोध यहीं बगल में रहते हैं। उन्होंने बताया, "हाईवे पर जो रजबहा निकलता है, वहां पर जंप है। यहां पर गड्‌ढा है। हमेशा यहीं पर एक्सीडेंट होता है। हर माह 2 से 3 लोगों की जान जाती है। प्रशासन को कई बार लिखकर दिया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।"

सुबोध ने बताया, "नारसन रोड पर डिवाइडर लगाने के कारण लोग उल्टी साइड चलते हैं। जिस जगह है ये हादसा हुआ है वह ब्लैक स्पॉट है, यहां पर लोग रॉन्ग साइड आते हैं। हम भी गलत साइड से चल रहे हैं। यह हम मान रहे हैं। प्रशासन की लापरवाही है कि नारसन रोड पर डिवाइडर बना दिया गया है, जिस कारण लोगों को 5 से 7 किलोमीटर घूम कर जाना पड़ता है। उनका कहना है कि पिछले दो माह पहले हमारे गांव के 3 लोगों की मौत इसी जगह पर सड़क हादसे में हुई थी।"

ब्लैक स्पॉट की वजह से हुआ हादसा-परिवहन कर अधिकारी
रुड़की RTO के परिवहन कर अधिकारी अखिलेश चौहान ने बताया, "जिस जगह पर ऋषभ पंत का एक्सीडेंट हुआ। उस जगह को ब्लैक स्पॉट घोषित किया हुआ है। हादसे के वक्त ऋषभ पंत की गाड़ी डेढ़ सौ से 200 की स्पीड में रही होगी। इस मार्ग पर ज्यादा स्पीड या ओवर स्पीड चलाने वाले लोगों का चालान किया जाता है।"

कई बार गाड़ी या फिर बाइक भी डिस्बैलेंस हो जाती है
इसी स्पाट के पास रहने वाले प्रवींद्र कुमार ने बताया, "सुबह करीब 5.15 बजे का समय रहा होगा। नेशनल हाईवे से करीब 50 मीटर की दूरी पर मेरा मकान है। इस हाईवे पर हमेशा एक्सीडेंट होते रहते हैं। इसका कारण रजबहे के पास ब्लैक स्पॉट है। जो ऊबड-खाबड़ है।

इस कारण कई बार गाड़ी या फिर बाइक भी डिस्बैलेंस हो जाती है। अधिकारियों को कई बार इसके बारे में बताया गया है। लेकिन, आज तक भी कोई नतीजा नहीं निकाला। पंत की गाड़ी स्पीड पर होने के चलते डिसबैलेंस हुई और अपनी साइड ना रहकर रॉन्ग साइड पर पहुंच गई।"

SP देहात बोले- यह जगह ब्लैक स्पॉट है, ये जानकारी मुझे नहीं
रुड़की के SP देहात स्वपन किशोर सिंह का कहना है, "यह जगह ब्लैक स्पॉट है। इसकी मुझे जानकारी नहीं है। एग्जेक्ट इस स्पॉट पर कितने एक्सीडेंट हुए हैं। इसकी जानकारी जुटाकर ही बता पाऊंगा। अभी, फिलहाल इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।"

ऋषभ की कार ने पहले बैरिकेडिंग तोड़ी, फिर पोल तोड़ते हुए सड़क के दूसरी तरफ पहुंच गई।
ऋषभ की कार ने पहले बैरिकेडिंग तोड़ी, फिर पोल तोड़ते हुए सड़क के दूसरी तरफ पहुंच गई।

5 महीना पहले पंत का ओवर स्पीड में हुआ था चालान
सूत्रों का कहना है कि पंत कार को काफी स्पीड में चलाते हैं। यही कारण रहा कि दिल्ली में भी उनका करीब 5 माह पहले ओवर स्पीड पर चालान कट चुका है।

पूरे NH-58 पर 36 ब्लैक स्पॉट
NH-58 पर 36 ब्लैक स्पॉट हैं। रुड़की से नारसन बॉर्डर तक हाईवे पर सबसे अधिक हादसे होते हैं। बहादराबाद क्षेत्र में शनिदेव मंदिर, सल्फर मोड़, गांव दौलतपुर और बौंगला, रुड़की क्षेत्र में ग्राम बेलड़ा से बेलड़ी के बीच, मिलिट्री चौक, रेलवे फ्लाई ओवर मोहनपुरा, रामपुर चुंगी, सालियर चेक पोस्ट से सालियर गांव के बीच, नारसन से झबरेड़ा के बीच, शुगर मिल से लिब्बरहेड़ी, मंगलौर कस्बे में देवबंद तिराहा, गंगनहर पुल से पीर तक, शिकारी वाला पीर से दीप शिखा और देवपुरा से कस्बा मार्केट के बीच में ब्लैक स्पॉट हैं।

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झपकी लगने से ऋषभ पंत की कार का एक्सीडेंट:लोग बचाने पहुंचे तो बोले- मैं ऋषभ पंत हूं; PM मोदी ने उनकी मां से हालचाल लिया

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150 किमी प्रति घंटे की स्पीड से आ रही भारतीय क्रिकेट टीम के विकेटकीपर ऋषभ पंत की मर्सिडीज ने एक गाड़ी को ओवरटेक किया। फिर सामने एक गड्‌डा आ गया। इससे उनकी कार 5 फीट तक उछल कर पहले बस से टकराई...फिर डिवाइडर से और घिसटते हुए उसमें आग लग गई। ये कहना है हादसे के वक्त घटनास्थल पर मौजूद डॉ. रविंद्र सिंह और गंगा डेयरी में काम करने वाले आर्यन का। यहां पढ़ें पूरी खबर

पानीपत के ड्राइवर-कंडक्टर ने बहादुरी से बचाई पंत की जान

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