अंबाला प्रोजेक्ट के 2507 करोड़ की लागत से बनने वाले सहारनपुर के पिलखनी से लुधियाना के बीच 175 KM रेल लाइन और अन्य कार्यों को दो महीने के अंदर पूरा कराया जाना था। लेकिन, कोरोना के कारण देरी हुई। अब यह कार्य दिसंबर 2022 तक पूरा होने की उम्मीद है। प्रोजेक्ट का 80% कार्य पूरा हो गया है। इसके बाद पिलखनी को न्यू सहारनपुर के नाम से जाना जाएगा। प्रोजेक्ट तैयार होने पर यहां से माल गाड़ियों की क्रॉसिंग होगी, साथ ही माल लदाई भी की जाएगी। इससे न केवल रेलवे के राजस्व में बढ़ोतरी होगी, बल्कि सहारनपुर के व्यापारियों को फायदा होगा। डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (DFC) पर मालगाड़ी 100 से 110 किमी. प्रति घंटे तक दौड़ सकेंगी।
पिलखनी से लुधियाना तक बनने हैं 75 पुल
प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए पिलखनी से लुधियाना तक फ्रेट लाइन पर 55 रेलवे अंडर ब्रिज (RUB) और 20 रेलवे ओवरब्रिज (ROB) बनेंगे। जिसमें से 40 RUB और 10 ROB का निर्माण पूरा हो गया है। इसके तहत अंबाला में मारकंडा नदी और यमुनानगर में यमुना नदी पर दो बड़े पुलों का निर्माण चल रहा है। हालांकि मारकंडा नदी पर बनने वाले ब्रिज में पांच स्पैन लगाए गए हैं। इनकी लंबाई 45 मीटर है।
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि मारकंडा नदी का कार्य पूर्ण हो चुका है, जबकि यमुना नदी के पुल का कार्य भी 70% पूरा हो गया है। यमुना नदी पर भी कुल सात स्पैन लगेंगे। एक स्पैन की लंबाई 60 मीटर है। इसी प्रकार लाइन पर चार रेल फ्लाई ओवर बन रहे हैं, जिनसे अंबाला कैंट और राजपुरा में 1-1, जबकि सरहिंद में 2 ब्रिज का निर्माण होगा।
इकोनॉमी में बूस्ट लाएगा DFC
फ्रेट कॉरिडोर पंजाब, हरियाणा, यूपी, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल से होकर गुजरेगा। DFC बनने से इन राज्यों की इकोनॉमी में भी बूस्ट लाएगा। हरियाणा, पंजाब के थर्मल प्लांटों में कोयला और पंजाब से उर्वरक, सीमेंट, स्टील प्लांटों के लिए चूना, पत्थर, ट्रैक्टर आदि की सप्लाई होती है।
तेज होगी माल गाड़ी की रफ्तार
अंबाला प्रोजेक्ट के अधीन फ्रेट कॉरिडोर लाइन पर पिलखनी, कलानौर, जगाधरी वर्कशॉप, दराजपुर, बराड़ा, केसरी, दुखेड़ी, अंबाला सिटी, शंभु, सराय बंजारा, सरहिंद, मंडी गोबिंदगढ़, खन्ना और चावापल्ली में स्टेशनों पर कार्य चल रहा है। इन्हीं स्टेशनों पर फ्रेट हैंडल करने के लिए मल्टी मॉड्यूलर लॉजिस्टिक हब बनाने की भी योजना है। जो मालगाड़ी के डिब्बे पहले 3200MM लंबे और 4.6MM ऊंचे होते थे, DFC बनने के बाद कॉरिडोर पर चलने वाली माल गाड़ियों के डिब्बे 3660 MM लंबे और 5.1 मीटर ऊंचे होंगे। जिन पर डबल स्टेक रखने की क्षमता भी होगी।
मालगाड़ी की लंबाई डेढ़ किमी तक होगी, जो 10 से 13 हजार टन माल लोड कर सकेगी। पहले जिनकी मालगाड़ी की रफ्तार 25 से 30 किमी/घंटा है, फ्रेट लाइन बनने पर यह रफ्तार 3 गुना यानी 75 किमी/घंटा हो जाएगी। अंबाला डिवीजन के DRM गुरिंदर सिंह का कहना है कि वैश्विक महामारी के कारण कार्य में विराम लग गया था, लेकिन सब ठीक होते ही कार्य में तेजी लाई गई है। उम्मीद है कि नवंबर या दिसंबर 2022 कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा।
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