UP में कोल्ड स्टोरेज हादसे में 14 की मौत:30 घंटे तक चला रेस्क्यू, 4 लोग गंभीर; घायलों का हाल जानने पहुंचे सीएम योगी

संभल15 दिन पहले
  • कॉपी लिंक
गुरुवार दोपहर 12 बजे से शुरू हुआ रेस्क्यू शुक्रवार को भी जारी है। रातभर NDRF-SDRF की टीम ने रेस्क्यू अभियान चलाया।

उत्तर प्रदेश के संभल में हुए कोल्ड स्टोरेज हादसे में शुक्रवार शाम तक मलबे से 25 लोगों को बाहर निकाला गया। इनमें से 14 की मौत हो चुकी है। जबकि 11 को मुरादाबाद के TMU (तीर्थंकर महावीर मेडिकल कॉलेज) में एडमिट कराया गया है। जहां से 7 लोगों को उपचार के बाद घर भेज दिया गया। गुरुवार को यहां कोल्ड स्टोरेज की 100 फीट लंबी छत ढह गई थी। करीब 30 घंटे तक रेस्क्यू चला।

DIG शलभ माथुर ने बताया कि रेस्क्यू खत्म हो गया है। अब कोई भी व्यक्ति मलबे में दबा नहीं है। वहीं, देर शाम सीएम योगी आदित्यनाथ भर्ती घायलों का हालचाल जानने TMU पहुंचे।

कोल्ड स्टोरेज में बेतरतीब आलू भरने की हकीकत इन तस्वीरों में आप देख सकते हैं। दबाव बढ़ने के कारण पूरी छत ढह गई।
कोल्ड स्टोरेज में बेतरतीब आलू भरने की हकीकत इन तस्वीरों में आप देख सकते हैं। दबाव बढ़ने के कारण पूरी छत ढह गई।

DM मनीष बंसल ने बताया कि गुरुवार दोपहर 12 बजे से रेस्क्यू शुरू हुआ था। रातभर में छत की कंक्रीट को हटाया गया। अब आलू के बोरे हैं, उनको एक-एक करके हटाया जा रहा है। इस कारण वक्त लग रहा है। उधर, कोल्ड स्टोरेज के मालिक अंकुर अग्रवाल और रोहित अग्रवाल के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है।

PM मोदी ने कोल्ड स्टोरेज हादसे पर दुख जताया

पीएम नरेंद्र मोदी ने कोल्ड स्टोरेज की छत गिरने से हुए हादसे पर दु:ख जताया है। उन्होंने ट्वीट किया, "उत्तर प्रदेश के चंदौसी में कोल्ड स्टोरेज में हादसा दुखद है। इसमें जान गंवाने वालों के परिजनों के प्रति मेरी संवेदनाएं। राज्य सरकार की देखरेख में स्थानीय प्रशासन राहत और बचाव के हरसंभव प्रयास में जुटा है। मैं सभी घायलों के शीघ्र स्व-स्थ होने की कामना करता हूं."

मुरादाबाद के TMU में घायलों का हालचाल लेते सीएम योगी आदित्यनाथ।
मुरादाबाद के TMU में घायलों का हालचाल लेते सीएम योगी आदित्यनाथ।

मृतकों के परिजन को 2-2 लाख, गंभीर घायलों को 50-50 हजार का मुआवजा
उधर, सीएम योगी आदित्यनाथ ने मृतकों के परिजन को 2-2 लाख, गंभीर घायलों को 50-50 हजार रुपए का मुआवजा देने का ऐलान किया है। सभी घायलों का फ्री में इलाज किया जाएगा। कमिश्नर और DIG मुरादाबाद की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई है। ये हादसे की जांच करके रिपोर्ट सरकार को देगी।

हादसा किन वजहों से हुआ...
दैनिक भास्कर की टीम मौके पर पहुंची तो हैरान करने वाली बातें सामने आईं। पता चला कि कोल्ड स्टोरेज में एक चैंबर पहले से बना था। 6 महीने पहले जो दूसरा चैंबर बना था, उसकी प्रशासन से NOC नहीं ली गई थी। इसको लेकर स्थानीय लोगों ने विरोध भी किया था। यही चैंबर पूरा ढह गया।

हादसे के बाद मौके पर पहुंची बचाव टीम ने कटर से एंगल काटकर मलबे में दबे लोगों का रेस्क्यू किया।
हादसे के बाद मौके पर पहुंची बचाव टीम ने कटर से एंगल काटकर मलबे में दबे लोगों का रेस्क्यू किया।

आलू का दबाव पड़ने से पिलर टूटा...फिर छत ढही​​​​​​
जिस कोल्ड स्टोरेज में हादसा हुआ उसका नाम एके कोल्ड स्टोरेज है। यहां के एक कर्मचारी ने बताया, ''स्टोरेज को बेतरतीब तरीके से क्षमता से ज्यादा भरा जा रहा था। अफसर हम लोगों से और आलू भरने की बात बार-बार कह रहे थे।

जब एक रैक भर गई तो गैलरी में भी जुगाड़ से लकड़ियों के फट्‌टे लगाए गए। उन पर आलू के बोरे लादते गए। आलू का अचानक दबाव पड़ने से स्टोरेज के बीच वाला पिलर तिरछा हो गया। जब तक कोई समझ पता, तब तक पिलर टूट गया और छत ढह गई।

छत टिन शेड और लोहे के एंगल से बनी हुई थी। बड़े-बड़े एंगल, टिन शेड और आलू के ढेर लोगों पर गिर गए। मैं भी बोरियों का धक्का लगने से गिरा, लेकिन गनीमत रही कि मेरे ऊपर कोई पिलर और बोरी नहीं गिरी। मैं उठा और चिल्लाकर बाहर भागा। इसके बाद पीछे मुड़कर देखा तो पूरा कोल्ड स्टोर मलबे में तब्दील हो चुका था। सभी लोग मलबे में दब गए।"

अब पढ़िए हादसे की आंखों देखी...

ये किसान आलू रखवाने आया था, उसी समय हादसा हो गया। उसने बताया कि हादसे के वक्त 30 से ज्यादा लोग अंदर काम कर रहे थे।
ये किसान आलू रखवाने आया था, उसी समय हादसा हो गया। उसने बताया कि हादसे के वक्त 30 से ज्यादा लोग अंदर काम कर रहे थे।

किसान बोला- लोग आलू की बोरियों के बीच से चिल्ला रहे थे
हादसे से चंद मिनट पहले उसी कोल्ड स्टोर में आलू की बोरियां रखवाने पहुंचे किसान ने हमें हादसे की आंखों देखी बताई। उसकी आंखों में कोल्ड स्टोरेज में दबे हुए लोगों की चिंता और राहत कार्य देरी से शुरू होने का गुस्सा साफ नजर आ रहा था।

किसान ने बताया, “मेरे घर से कोल्ड स्टोरेज 5 किमी दूर है। सुबह पौने 11 बजे होंगे, मैं कोल्ड स्टोरेज पहुंचा, वहां काम कर रहे मजदूरों से बातचीत करने लगा। कोल्ड स्टोरेज के अंदर 30 से ज्यादा लोग थे। कोई किसान ट्रॉली में आलू लादे खड़ा था तो कई मजदूर अंदर आलू के बोरे को ऊपर की रैक में रखवा रहे थे। मैं अंदर जाने ही वाला था कि लकड़ियों के गिरने की आवाज आई और धमाके के साथ पूरा कोल्ड स्टोरेज भरभराकर जमींदोज हो गया।"

कोल्ड स्टोरेज में आलू की हजारों बोरियां भरी हैं। रेस्क्यू में इनको एक-एक करके हटाया जा रहा है।
कोल्ड स्टोरेज में आलू की हजारों बोरियां भरी हैं। रेस्क्यू में इनको एक-एक करके हटाया जा रहा है।

अंदर फंसे लोग चिल्ला रहे थे, हम बेबस थे
किसान ने आगे बताया, "हमने अपने हाथों से बोरे हटाने शुरू किए। पुलिस को सूचना दी। पुलिस की गाड़ियां तो पहुंचीं, लेकिन खाली हाथ। काफी देर तक न कोई मशीन मलबा हटाने आई, न कोई बड़ा अफसर मौके पर नजर आया। 2 से 3 घंटे तक हम लोग खुद मलबा हटाते रहे। इसके बाद कई थानों की पुलिस और 4-5 जेसीबी पहुंचीं। तब कहीं जाकर मलबा हटाने का काम शुरू हुआ।"

वहीं, स्टोरेज में मजदूरी करने आए कुंवरपाल ने बताया, "अंदर फंसे लोग चिल्ला रहे थे। हम लोग बेबस थे। बाहर से यही कह रहे थे, मशीनें आ गई हैं। सबको निकाला जा रहा है। इसके बाद बड़े अफसर मौके पर पहुंचे और लोगों को समझाने लगे कि सभी को निकाल लिया जाएगा।"

देखिए हादसे की तस्वीरें...

कोल्ड स्टोरेज की छत करीब 100 फीट लंबी बताई जा रही है। पूरी छत ढह कर आलू की बोरियों पर गिरी।
कोल्ड स्टोरेज की छत करीब 100 फीट लंबी बताई जा रही है। पूरी छत ढह कर आलू की बोरियों पर गिरी।
यह महिला कैथल गांव की है। हादसे की खबर सुनकर वह मौके पर पहुंच गई। उसने बताया कि उसके पति कोल्ड स्टोर में मजदूरी करने आए थे। उनका कुछ पता नहीं चल रहा है।
यह महिला कैथल गांव की है। हादसे की खबर सुनकर वह मौके पर पहुंच गई। उसने बताया कि उसके पति कोल्ड स्टोर में मजदूरी करने आए थे। उनका कुछ पता नहीं चल रहा है।
हादसे के बाद कई महिलाएं अपने बच्चों और पति को तलाश करती हुई मौके पर पहुंचीं। हालांकि प्रशासन ने उनको दूर रोक दिया, ताकि रेस्क्यू में दिक्कत न आए।
हादसे के बाद कई महिलाएं अपने बच्चों और पति को तलाश करती हुई मौके पर पहुंचीं। हालांकि प्रशासन ने उनको दूर रोक दिया, ताकि रेस्क्यू में दिक्कत न आए।
हादसे के वक्त कितने लोग अंदर थे, इसकी सही संख्या का पता नहीं है। छत ढहने के बाद ज्यादातर लोग आलू की बोरियों के नीचे दब गए।
हादसे के वक्त कितने लोग अंदर थे, इसकी सही संख्या का पता नहीं है। छत ढहने के बाद ज्यादातर लोग आलू की बोरियों के नीचे दब गए।

हादसे में मारे गए लोगों के नाम...
1. रोहताश पुत्र भूरे (28वर्ष) 2. राकेश पुत्र चंद्रपाल ( 30 वर्ष) 3. इस्तियाक पुत्र रशीद उर्फ वसी (32 वर्ष ) 4. प्रेम पुत्र मोहनलाल(45 वर्ष) 5. भूरे पुत्र भगवानदास (32 वर्ष ) 6. सोमपाल पुत्र ब्रह्मचारी (45 वर्ष) 7. सतीश पुत्र रामस्वरूप (26 वर्ष) 8. शिशुपाल पुत्र बाबूराम (28 वर्ष) 9. सूरजपाल पुत्र नंदराम ( 30 वर्ष) 10. दिलशाद पुत्र कल्लू (35 वर्ष) 11. राजकुमार पुत्र भोजराज (28 वर्ष) 12. प्रमोद पुत्र देवीदास (28 वर्ष) 13. सूरजपाल पुत्र छत्रपाल (30 वर्ष)
(1 मृतक की पहचान अभी नहीं हो पाई है)।

खबरें और भी हैं...