संतकबीर नगर जिले में बिना मानक पूरे किए चल रहे अस्पतालों और झोलाछाप पर शिकंजा कसने की प्रशासन ने तैयारी कर ली है। डीएम दिव्या मित्तल ने एक आदेश जारी करते हुए कहा कि जिले में चल रहे बिना रजिस्ट्रेशन के निजी अस्पताल झोलाछाप डॉक्टरों की अब खैर नहीं है। जिनके द्वारा इलाज के नाम पर मरीजों के साथ खिलवाड़ किया जाता है और लोगों को अपनी जान तक गंवानी पड़ जाती है।
20 पैथालाॅजी और 25 क्लीनिकों के हैं रजिस्ट्रेशन
डीएम द्वारा जारी हेल्पलाइन नंबर 05547-226505 पर किसी भी व्यक्ति द्वारा बिना रजिस्ट्रेशन के क्लीनिक, निजी हॉस्पिटल और झोलाछाप डॉक्टरों के संबंध में जानकारी दे सकते हैं, जिसका नाम पता गुप्त रखा जाएगा। आपको बता दें कि संतकबीरनगर जिले में स्वास्थ्य विभाग से कुल 70 निजी हॉस्पिटल हैं जिनका रजिस्ट्रेशन विभाग से लिया गया है, 20 पैथोलॉजी और मात्र 25 क्लीनिकों का ही रजिस्ट्रेशन है, लेकिन जिले में हालत यह है कि निजी हॉस्पिटलों की संख्या बहुत ज्यादा हो चुकी है, जो बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे हैं। अक्सर देखा जाता है कि ऐसे हॉस्पिटलों पर मरीजों की मौत की सूचना आती रहती है, लेकिन उसके बावजूद भी विभाग चुप्पी साधा हुआ है। इतना ही नहीं शहरी क्षेत्र से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में झोला छाप चिकित्सकों की संख्या में लगातार बढ़ रही है, शायद जिनके पास कोई डिग्री नहीं, फिर भी मरीजों के साथ कहीं घरों में तो कहीं मेडिकल स्टोर पर उनके स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करते नजर आते हैं। जिसके चलते लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
चार साल पहले चलाया गया था अभियान
आपको बता दें कि लगभग 4 साल पूर्व जिला प्रशासन की मदद से स्वास्थ्य विभाग ने संतकबीरनगर जिले में बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे निजी अस्पतालों कार्रवाई शुरू की थी, जिसके बाद कई हॉस्पिटलों को सील करते हुए भारी जुर्माना भी लगाया गया था। आपको बता दें कि खलीलाबाद जिला मुख्यालय से लेकर के धनघटा तहसील और मेहदावल तहसील क्षेत्र में अधिक संख्या में बिना रजिस्ट्रेशन के निजी हॉस्पिटल और पैथोलॉजी संचालित किया जा रहे हैं, जिला प्रशासन अगर ऐसे क्लीनिक और हॉस्टलों को चिन्हित करके कार्रवाई करनी शुरू कर देगी तो शायद चिकित्सा व्यवस्था में काफी सुधार देखने को मिल सकता है।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.