नेपाल के पहाड़ी इलाकों से आए पानी और श्रावस्ती में हुई बरसात के चलते राप्ती नदी का जलस्तर रविवार को खतरे के निशान को पार कर 50 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गया था। हालांकि बारिश थमने के बाद सोमवार को जलस्तर धीरे-धीरे कम हो गया।
वहीं जलस्तर बढ़ने के चलते जमुनहा क्षेत्र के दर्जनभर गांव वीरपुर कथरा, हसनापुर बरगा, पिपरहवा, गजोबरी, चमारन पुरवा सहित दर्जनों गांव प्रभावित हुए। इनके बाहर तक पानी पहुंच गया। इसके साथ ही साथ कुछ गांव के अंदर तक पानी पहुंच गया था। वहीं इकौना क्षेत्र में भी राप्ती का पानी पहुंचने के चलते नदी किनारे बसे कई गांव पानी से घिर गए थे।
बाढ़ की आशंका से ग्रामीण सहमें
हालांकि, अब जलस्तर कम होने के साथ गांव के पास से पानी भी कम हो गया है। फिर भी राप्ती के किनारे बसे गांव के लोग सहमे हुए हैं क्योंकि यदि नेपाल ने फिर से पानी छोड़ा तो बाढ़ जैसे हालात पैदा हो जाएंगे। बताते चलें कि हर साल नेपाल के पहाड़ों से आए पानी और जिले में हुई बरसात के चलते राप्ती का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर जाता है। इसके बाद बड़ी संख्या में राप्ती किनारे बसे गांव बाढ़ के पानी से प्रभावित होता है।
गांव में रास्तों में बहने लगा पानी
वहीं इस बार नेपाल के पहाड़ों से आए पानी और जिले में भी लगातार हुई बरसात के बाद रविवार को जलस्तर खतरे के निशान से 50 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गया था। इसके बाद दर्जनों गांव को जाने वाले मुख्य मार्गों पर पानी चलने लगा। वहीं कई गांव पानी से घिर गए, जिसके चलते गांव के लोगों को अपने घरों की छतों पर रात गुजारनी पड़ी।
प्रशासन ने वितरित किए लंच पैकेट
हालांकि, अगली सुबह होते ही जलस्तर धीरे-धीरे कम होने लगा। इसके बाद लोगों ने राहत की सांस ली, प्रशासनिक अमला भी लोगों के बीच पहुंचकर लंच पैकेट वितरित करते नजर आया। लेकिन अब यदि फिर से नेपाल ने पानी छोड़ा और राप्ती उफनाई तो आने वाली बाढ़ से कई दर्जन गांव प्रभावित होंगे। हालांकि जिला प्रशासन पूरी तरीके से अलर्ट है और घटते बढ़ते जल स्तर पर निगरानी रखी जा रही है। इसके साथ ही साथ बाढ़ चौकियां भी अलर्ट मोड पर हैं।
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