सरकार के तमाम दावे और प्रयास के बाद भी छुट्टा पशुओं के आतंक से छुटकारा नहीं मिल रहा है। इटवा में बड़ी संख्या में पशु छुट्टा घूम रहे हैं।
हालांकि शासन-प्रशासन की ओर से ऐसे पशुओं के लिए गोशाला की व्यवस्था होने की बात कही जा रही है, इसके बाद भी सैकड़ों पशुओं को गोशाला नसीब नहीं हो पा रही है। यही वजह है कि पशुओं का जमावड़ा जब देखो सड़क पर दिखाई देता है, इनकी धमाचौकड़ी मचती है तो राहगीरों की जान जोखिम में बन जाती है, जबकि यही पशुओं का झुंड जब खेतों में पहुंचता है तो फसलों को नुकसान कर किसानों को बेबसी के आंसू रूलाने पर विवश कर देते हैं।
इटवा कस्बे में घूमते रहते हैं पशु
इटवा नगर पंचायत में सैकड़ों पशु हैं जो सड़कों पर घूम रहे हैं। यहां एक गोशाला संचालित है, मगर पशुओं की संख्या के हिसाब से पर्याप्त नहीं है। यही वजह है कि पशुओं का झुंड इधर-उधर भटकता रहता है। जब सड़कों पर इनका जमावड़ा होता है तो ट्रैफिक की समस्या पैदा हो जाती है। वाहनों के हार्न बजाते रहें, पशु सड़क छोड़ते ही नहीं। कई बार-बार जाम की वजह बेसहारा पशु बन रहते हैं।
रात में जहां पशुओं का झुंड रूकता है, सुबह में वहां गंदगी फैली रहती है। सड़क किनारे सब्जी व फल विक्रेता भी परेशान रहते हैं। कब कोई पशु झपट्टा मारकर सब्जी व फल खा ले कुछ कहा नहीं जा सकता है।
खेतों में फसल को करते हैं बर्बाद
पशुओं का झुंड खेतों की ओर पहुंचता है तो सरसो, गेहूं की फसलें बर्बाद हो जाती हैं। किसान खेतों की रखवाली लाख करें, मगर मौका मिलते पशु खेतों में पहुंचकर न केवल फसलों को निवाला बनाते हैं, बल्कि उसको रौंदते भी रहते हैं। किसानों को पता चलता है तो वह पशुओं को भगाते हैं। फिर पशु दूसरे खेत ओर जाकर वहां फसलों का नुकसान करते हैं।
ईओ ने कहा की नगर पंचायत के ईओ राजन कुमार गुप्ता ने कहा कि एक गोशाला संचालित है। इसके बाद भी पशु घूम रहे हैं तो उन्हें भी गोशाला में पहुंचाया जाएगा।
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