सीतापुर में करोड़ों की संपत्ति हड़पने के लिए भांजे ने अपने मामा की चाकू से काटकर हत्या कर दी। देर रात इस घटना में भांजे की पत्नी और उसकी सास भी शामिल थे। आरोपी ने घटना को अंजाम देने के बाद बहाना बनाया कि बाहर से आए लोगों ने मामा को मार दिया। मौके पर पहुंची पुलिस ने संदेह के आधार पर भांजे को हिरासत में लेकर पूछताछ की।
इसके बाद घटना का खुलासा हुआ। एएसपी ने घटना का कारण संपत्ति का विवाद बताया है। उन्होंने कहा कि मृतक श्याम बिहारी वर्मा के पास करोड़ों की संपत्ति थी। उसकी कोई संतान नहीं थी। संपत्ति हड़पने के लिए ही भांजे अमरेंद्र ने उन्हें चाकू से मारकर हत्या कर दी। फिलहाल आरोपी, उसकी पत्नी व सास की गिरफ्तारी हो चुकी है।
मामा-भांजा दोनों एक ही कमरे में सो रहे थे
मामला महमूदाबाद के मोहल्ला बन्नी का है। श्याम बिहारी वर्मा (55) बीती रात अपने दो मंजिला मकान में सो रहे थे। वे शराब के नशे में थे मृतक के सौतेले बेटे सोनू ने बताया, "रात में पिता व अमरेंद्र दोनों दूसरी मंजिल के एक ही कमरे में सो रहे थे। मैं और अमरेंद्र की मां कुसुमावती नीचे वाले कमरे में थे। रात करीब 1 बजे चीखने की आवाज आई। मैं भागकर ऊपर गया। देखा कि वह खून से लथपथ बेड पर पड़े हैं।
अमरेंद्र, उसकी पत्नी गुड़िया व सास सीतापती पास में ही खड़े थे। वे सभी रो रहे थे। मैं पिता के पास आया। उनकी हालत ठीक नहीं थी। गला कटने से बहुत खून बह रहा था। उन्हें अस्पताल ले जाने वाला था, लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। अमरेंद्र से पूछने पर उसने बताया कि बाहर के कुछ लोग आए और हत्या करके चले गए।"
इसके बाद सोनू ने पुलिस को सूचना दी। मौके पर सीओ रवि शंकर प्रसाद सहित एएसपी एनपी सिंह, एसपी सुशील धुले चंद्रभान पहुंचे। पुलिस ने मौका मुआयना किया। पुलिस ने संदेह के आधार पर भांजे अमरेंद्र को रात में ही हिरासत में ले लिया था।
15 सालों से बहन व भांजा रहते थे घर पर
एएसपी एनपी सिंह ने बताया कि सूचना पर पुलिस पहुंची थी। पुलिस ने छानबीन कर घटनास्थल का जायजा लिया। बेटे के बताए गए घटनाक्रम में भांजा संदिग्ध लग रहा था। इसलिए प्राथमिकता के तौर पर भांजे अमरेंद्र को हिरासत में लिया गया। उससे पूछताछ की गई। कड़ाई से पूछने पर उसने बताया कि संपत्ति के लिए उसने अपने मामा को मार डाला।
एएसपी ने बताया, "श्याम बिहारी वर्मा के घर में पिछले 15 सालों से भांजा अमरेंद्र व बहन कुसुमावती रह रहे थे। श्याम बिहारी की कोई संतान नहीं था, इसलिए उसने दोनों को गोद ले लिया था। श्याम की पत्नी का तीन साल पहले निधन हुआ था। उसकी पत्नी को उसके पहले पति से बेटा सोनू था। जो कि मां की मौत के बाद से पिता के पास रहता था। अभी दो दिन पहले ही श्याम के घर आया था।"
मृतक श्याम के पास करोड़ों की संपत्ति थी
जानकारी मिली है कि श्याम के पास करीब ढाई करोड़ रुपये की संपत्ति है। उसने गांव के आस पास भी जमीन ले रखी थी। करीब 20 दिन पहले उसने अपनी सात बीघा जमीन को सवा करोड़ रुपये में बेच दी थी। इसके रुपये भी श्याम के पास थे। पूछताछ में आरोपी अमरेंद्र ने बताया, "मामा श्याम ने उसके नाम कुछ वसीयत की थी, लेकिन किन्हीं कारणों के चलते कुछ दिन पहले वसीयत को निरस्त कर दिया था। उसने अपनी जमीन का कई हिस्सा अपने सौतेले बेटे सोनू के नाम भी किया था। इस बाद से वह खुश नहीं था।"
नशे में धुत सो रहे मामा को काट डाला
आरोपी ने कहा, "मामा ने कहा था कि तुम्हारे नाम ही सारी संपत्ति कर देंगे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। इसलिए दो दिन पहले मैं अपनी पत्नी व सास को यहां लेकर आया। कल रात में मामा शराब पीकर नशे में धुत थे। वो सो रहे थे। इसी मौके का फायदा उठाकर चाकू से उनका गला काट दिया।"
वसीयत खारिज करने के बाद से नाराज था भांजा
आरोपी अमरेंद्र की मां कुसुमावती ने बताया, "मैं भी रात में उसी घर में सोई थी। मेरे बेटे ने ही भाई को मार डाला है। वह आए दिन बोलता था कि मामा के पास बहुत पैसा है। कुछ संपत्ति वह हम लोगों के नाम भी कर देंगे। लेकिन भाई ने कुछ दिनों पहले वसीयत को खारिज कर दिया था। इसी बात से बेटा नाराज था। लेकिन नहीं पता था कि वो अपने ही मामा की हत्या कर देगा।"
एएसपी बोले- रुपयों का लालची था अमरेंद्र
एएसपी ने कहा कि आरोपी अमरेंद्र पैसों का लालची था। वह कुछ भी काम नहीं करता था। अपने मामा के साथ ही खेती बाड़ी करता था। उसे इस बात से डर था कि मामा दूसरी शादी कर लेंगे। इसके बाद संपत्ति या तो बेटे सोनू के नाम कर देंगे या फिर अपनी दूसरी पत्नी के नाम कर देंगे। इस बात से नाराज होकर उसने श्याम की हत्या कर दी। पूछताछ में आरोपी ने यही बात कबूली है। तीनों आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
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