सोनभद्र में हादसे में पति की मौत की झूठी सूचना पर एक महिला ने बेटे के साथ जान दे दी। महिला ने पहले घर में आग लगाई, इसके बाद 2 साल के मासूम के साथ फंदे पर झूल गई। घर से धुआं उठने पर पड़ोसियों की भीड़ जुट गई। दरवाजा अंदर से बंद था। लोग प्रयास के बाद दरवाजा तोड़कर अंदर दाखिल हुए। आग बुझाने के साथ दोनों को फंदे से नीचे उतारा। तब तक दोनों की सांसें थम चुकी थीं।
घटना जिले के बीजपुर इलाके में शनिवार की दोपहर हुई। महिला का पति और जेठ दोनों ट्रक चलाते हैं। पुलिस ने दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। बीजपुर थानाध्यक्ष पंकज सिंह ने बताया कि महिला और बेटे का शव फंदे से लटका मिला। प्राथमिक जांच में आत्महत्या की बात सामने आई है। पुलिस सभी पहलुओं की बारीकी से जांच कर रही है।
जिले के बीजापुर इलाके में इंजानी गांव है। यहां जमुना सिंह अपने 3 बेटों के साथ रहते हैं। उनका सबसे बड़ा बेटा सुनील सिंह (30) और इसके बाद वाला अजित सिंह (25) ट्रक चालक हैं। जबकि सबसे छोटा बेटा पिता के साथ घर पर ही रहता है। अजित सिंह के परिवार में पत्नी संगीता (22) के अलावा 2 साल का 1 बेटा यश था। दोनों भाई अलग-अलग ट्रक चलाते हैं।
आगे की कहानी पिता की जुबानी सुनिए...
पिता जमुना सिंह ने बताया "शनिवार की दोपहर को बड़ा बेटा सुनील खलासी के साथ ट्राला लेकर बीजपुर के लिए निकला। वह इलाके के रेणुकूट-बीजपुर मार्ग पर राख भरने जा रहा था। इस दौरान घर से 400 मीटर की दूरी पर ट्राला अनियंत्रित होकर सड़क किनारे खड़े पोल से टकरा कर पेड़ से भिड़ गया। हादसे में ट्राला का केबिन वाला हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। चीख-पुकार मचने पर लोग दौड़ पड़े। हादसे की जानकारी पर हम लोग भी पहुंच गए। पुलिस भी आ गई। गैस कटर की सहायता से अंदर फंसे सुनील को बाहर निकाला गया। इसके बाद एनटीपीसी रिहंद के धन्वन्तरि चिकित्सालय ले जाया गया। वहां से हालत नाजुक होने पर उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया गया। हम लोग उसे लेकर दूसरे अस्पताल के लिए रवाना हो गए।
बड़ा बेटा घायल, छोटे की मौत की फैली अफवाह
जमुना सिंह ने बताया "हादसे के दौरान उनके गांव के भी कुछ लोग थे। उस दौरान सुनील को एंबुलेंस से अस्पताल ले जाया जा रहा था। उन्होंने सुनील का चेहरा नहीं देखा। चूंकि छोटा बेटा अजीत भी ट्रक चलाता है। इससे वे भ्रम में पड़ गए। इस बीच अफवाह उड़ गई कि हादसे में घायल होने वाला अजीत था। अस्पताल में उसकी मौत हो गई है। यह अफवाह इंजानी गांव में भी पहुंच गई। किसी ने अजीत की पत्नी संगीता को जाकर बोल दिया कि हादसे में उसके पति की मौत हो गई। इस पर उसने आपा खो दिया। इसके बाद यश के साथ घर के अंदर पहुंचकर खुद को अंदर बंद कर लिया। पहले बिस्तर समेत घर में आग लगा दी। फिर रस्सी का का फंदा बनाकर बच्चे के साथ झूल गई।
घर से धुआं निकलने पर पहुंचे लोग
ग्रामीणों ने बताया कि "हम सब अपने-अपने घर के काम निपटा रहे थे। इस बीच जमुना के घर से धुएं का गुबार निकलता दिखाई दिया। हम सब शोर मचाते हुए घर पर पहुंच गए। दरवाजा अंदर से बंद था। मुश्किल से दरवाजा तोड़कर अंदर दाखिल हुए। देखा तो फंदे से संगीता और उसका बेटा यश लटक रहे थे। पूरे घर में धुआं भरने के कारण अंदर रुकना मुश्किल हो रहा था। लोग बाल्टियों से पानी लेकर पहुंचने लगे। पहले घर में लगी आग पर काबू पाया गया। इसके बाद दोनों को फंदे से उतारा जा सका। हालांकि दोनों की सांसें थम चुकी थी। इसके बाद घटना की जानकारी पुलिस को दी गई।
इलाके में घूमता मिला अजीत
स्थानीय लोगों के अनुसार जिस समय यह वाकया हुआ उस समय अजीत इलाके में ही टहल रहा था। कुछ देर बाद वह घर पहुंचा तो देखा उसकी पत्नी और बच्चे की लाश बाहर पड़ी हुई है। इस पर वह अचेत हो गया। बाद में उसे पता चला कि उसकी पत्नी को किसी ने हादसे में उसकी मौत की गलत जानकारी दे दी। इससे आहत होकर उसने यह कदम उठा लिया।
अजीत ने बताया "जिस समय भाई सुनील का ट्राला हादसे का शिकार हुआ, उस वक्त मैं इलाके में काम से गया था। मैं ट्रक लेकर नहीं गया था। इस दौरान मुझे पता चला कि भाई के साथ हादसा हुआ है। परिवार के लोग उसे अस्पताल लेकर गए हैं। मुझे जानकारी नहीं थी कि उन्हें किस अस्पताल में ले जाया गया है। इसलिए पहले मैंने घर पहुंचने का फैसला लिया। सोचा, पूरी जानकारी के बाद घर से फिर अस्पताल के लिए निकलूंंगा। यहां आया तो पत्नी और बेटे की लाश मिली। संगीता ने हड़बड़ी में यह कदम उठा लिया, थोड़ा इंतजार करती तो आज वह जिंदा होती।"
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