शुक्रवार को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की जिला कमेटी ने जनपद के दस निकायों के 144 वार्डों के आरक्षण में आदिवासी समुदाय के लोगों के लिए कहीं भी किसी वार्ड से अनुसूचित जनजाति के लिए सीट आरक्षित न होने पर नाराज़गी जताई है।
भाकपा ने विज्ञप्ति जारी कर कहा कि सोनभद्र में एक नगर पालिका और नौ नगर पंचायत है, जिसका चुनाव होना है। शासन की ओर से निकाय चुनाव हेतु नगरीय निकाय के वार्डों की आरक्षण की स्थिति निर्धारित करते हुए निर्धारित आरक्षण की स्थिति पर आपत्ति एवं सुझाव मांगे गए हैं। परंतु शासन द्वारा अभी जारी किए गए आरक्षण की स्थिति को देखा जाए तो जनपद सोनभद्र के नगर निकाय के कुल 144 वार्डों मे एक भी वार्ड आदिवासी समुदाय के लोगों हेतु अभी तक आरक्षित नहीं किया गया है।
आदिवासी बाहुल्य होने के बावजूद एक भी सीट आरक्षित नहीं
भाकपा ने कहा कि जनपद आदिवासी बाहुल्य है और जनपद की दो विधानसभा सीटें भी अनुसूचित जनजाति के लिए पहले से आरक्षित हैं। इसी क्षेत्र से वर्तमान में योगी सरकार के एक मंत्री भी अनुसूचित जनजाति समाज से हैं और इसी क्षेत्र से सरकार में प्रतिनिधित्व भी कर रहे हैं। इसके बावजूद भी यहां नगर निकायों में अनुसूचित जनजाति के लिए एक भी सीट आरक्षित न होना सूबे की योगी सरकार पर संदेह पैदा करती है और दर्शाती है कि आदिवासी हितैषी का दावा करने वाली यह सरकार पूरी तरह से आदिवासी विरोधी है।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने दी आंदोलन की चेतावनी
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी मांग किया कि आदिवासी बाहुल्य इस जनपद के सभी नगर निकायों में आदिवासियों के लिए उनके हक के रूप में निर्धारित सीटें आरक्षित किया जाये ,नहीं तो भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी अनुसूचित जनजाति के समाज के लोगों को साथ लेकर आन्दोलन का रुख इख्तियार करेगी।
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