गोवंश की सुरक्षा व उनको संरक्षण देना नैतिक धर्म है। गोशालाओं का संचालन जन सहयोग से और भी बेहतर किया जा सकता है। गोशालाओं में रह रहे गोवंश जिले के किसानों व पशु पालकों की ओर से ही छोड़े गए हैं। इनकी सुरक्षा के लिए प्रशासन के अलावा स्थानीय लोगों को भी ध्यान देना चाहिए। यह बातें, क्षेत्र की अस्थाई गोशाला मलिकपुर बखरा में ग्राम प्रधानों व समाज के प्रबुद्ध जनों की बैठक के दौरान सांसद प्रतिनिधि रणजीत कुमार ने कही।
सांसद प्रतिनिधि ने बैठक में आपसी सहयोग की बात कही
बीते दिनों क्षेत्र पंचायत की बैठक के दौरान तय हुआ था कि ब्लॉक प्रमुख चंद्र प्रताप सिंह 'चन्दर' की अध्यक्षता में प्रधानों के साथ क्षेत्र की एकमात्र अस्थाई गोशाला मलिकपुर बखरा में बैठक कर प्रशासन से इतर आपसी सहयोग से कुछ बेहतर किया जाय। जिसको लेकर हुई बैठक में जनप्रतिनिधियों ने गोवंशों से हो रही किसानों की फसलों की बर्बादी तत्काल रोकने के लिए आपसी सहयोग से गोशाला की बैरिकेडिंग कराने व भूसा भंडारण कक्ष का निर्माण कराने का निर्णय लिया।
ब्लॉक प्रमुख मोतिगरपुर ने गोशाला के पूर्वी व पश्चिमी हिस्से की बैरिकेडिंग निजी खर्चे से कराने की घोषणा की। बैठक में उपस्थित ग्राम प्रधान वीरेंद्र उपाध्याय, विजयदीप, अनिल सिंह, सर्वेश सिंह, कमलेश सिंह, रामसूरत गुप्ता, संतोष मिश्र ने 11-11 हजार रुपये सहयोग राशि देने की घोषणा की।
ग्राम प्रधानों और बैटक में शामिल अन्य सदस्यों ने किया सहयोग
पूर्व प्रधान चंद्रमणि पाण्डेय 'बबलू', अंकित मिश्र, राजेश गौतम ने 5100 रुपये की जनसहयोग देने की घोषणा की। प्रधान संघ अध्यक्ष सुशील कुमार गोस्वामी ने 51000 और बीडीओ हनुमान प्रसाद वर्मा ने 21000 रुपये की घोषणा की। कई अन्य बीडीसी सदस्यों आदि ने भी अलग-अलग धनराशि देने की घोषणा की।
सांसद प्रतिनिधि रणजीत सिंह ने कहा कि कहा कि गो सेवा बोझ नहीं है, बल्कि यह एक नैतिक धर्म है। इसलिए सभी को इसमें शामिल करना होगा। यही नहीं यह भी प्रयास करें कि यदि कोई दानकर्ता इन निराश्रित बेसहारा गौवंश को खिलाने एवं उनकी व्यवस्था के लिये दान देना चाहता है तो वह सामने आ सकता है। गोशाला मुख्यद्वार पर एक शिलापट भी लगवाया जाएगा, जिसमें दान देने वालों का नाम लिखा जाएगा। जिससे प्रेरित होकर अन्य लोग भी सहयोग देंगे।
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