सुल्तानपुर के लंभुआ में सोमवार की शाम को अचानक मौसम परिवर्तन के बाद आई आंधी पानी ने हर तरफ क्षति और तबाही के निशान छोड़े हैं। फसलों तथा फलों को जहां आंधी ने तहस नहर कर दिया वहीं पेड़ों के टूटने से बिजली आपूर्ति भी बाधित हो गई।
लंभुआ क्षेत्र में बीस मिनट तक तेज आंधी का प्रकोप रहा, जिससे चारों ओर भारी नुकसान हुआ है। तेज आंधी के झोंके को खुदौली कंपोजिट विद्यालय की दीवार नहीं झेल पाई और तीन महीने पहले बनकर तैयार हुई विद्यालय की बाउंड्री वाल हवा के तेज झोंके से भरभराकर गिर गयी है। नवनिर्मित बाउंड्री वाल करीब 80 मीटर की लंबाई मे थी जो कायाकल्प योजना से बनी हुई थी और तीन महीने मे हवा के प्रभाव से धाराशाई हो गयी ।
फसलों और फलों को भारी नुकसान
आंधी के प्रकोप से तैयार आम की फसल को सबसे अधिक नुकसान हुआ है। आम की खेती करने वाले अभियाखुर्द के अजय पांडेय ने बताया कि करीब दस कुअंतल आम हवा से टूटकर गिर गया है। हनुमानगंज मे सूरज सिंह की आम की दस बीघे की बाग मे चार कुंतल फसल गिरकर बेकार हो गयी है। इसी गांव के चंद्र प्रकाश मिश्र की केले की फसल को भी खूब नुकसान हुआ है। तीन एकड़ मे करीब तीन सौ पेड़ फसल टूट कर बेकार हो गयी है।
टीन शेड खपरैल सब हुए धराशाई
इसके निर्माण के समय ही ग्रामीणों ने अधिकारियों से घटिया सामग्री से बन रही बाउंड्री वाल की शिकायत भी हुई थी। मानिकापुर परासिन में गरीब परिवार के कच्चे घर का टीनशेड तथा कच्चे मकान का खपरैल भी आंधी में उड़ गया है। जिससे अब ममता के परिवार को रहने का ठिकाना भी नहीं बचा है।
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