सुलतानपुर की इसौली सीट पर सांसद मेनका गांधी की खास नजर है। मोदी लहर में हुए विधानसभा और लोकसभा चुनाव में भाजपा का जादू नहीं चला। यही वजह है कि सांसद इस क्षेत्र को सड़कों से लेकर विकास की प्रमुख धारा से जोड़ रही ताकि 2022 में विजय मिल सके। लेकिन यहां अधिकारी सरकार के लिए मुसीबत बन रहे खासकर पीडब्लूडी के अधिकारियों ने सड़कों के जाल बिछवाने में सरकार के जीरो टॉलरेंस नीति को पलीता लगा डाला है।
आलम यह है कि यहां के पांच प्रमुख मार्ग वर्षों तक गड्ढा युक्त रहे। चुनाव सिर पर आया तो जनप्रतिनिधियों को मैनिफेस्टो में किए वादों का ध्यान आया। आनन-फानन में इन पांचों सड़कों का बजट पास हुआ। ठेकेदार ने सड़कें बनवाई तो भ्रष्टाचार का तारकोल लगाया। नतीजा यह हुआ कि महीनें भर के अंदर पांचों सड़कें जगह-जगह से उखड़ गई। यह बल्दीराय ब्लॉक में हलियापुर-कुड़वार मार्ग से सादुल्लापुर संपर्क मार्ग, नरसड़ा-सफलेपुर सम्पर्क मार्ग, वलीपुर-बघौना-देहली बाजार संपर्क मार्ग, प्राथमिक विद्यालय असरखपुर से असरखपुर गांव तक संपर्क मार्ग और मुसाफिरखाना-देवरा संपर्क मार्ग से नटोली होते हुए नरसड़ा तक यही हाल है। ये सभी सड़के डिप्टी सीएम केशव मौर्या के प्रभार वाले पीडब्ल्यूडी विभाग ने बनवाया है।
नरसडा गांव से सादुल्लपुर और नटोली-पारा बाजार की सड़क कुछ दिन में ही इस कद्र उखड़ गई कि मजदूरों को झाडू लेकर काली गिट्टियों को एकत्रित करना पड़ा रहा। कर्मचारी एक तरफ सड़क बना कर चले गए तो दूसरी तरफ काली गिट्टियों को किनारे लगा रहे थे। यही नहीं बल्दीराय ब्लॉक के कई गांव की अधिकांश सड़कों का हाल यही है। सड़कों पर जगह-जगह गड्ढे बने हुए हैं, जिससे आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं।
शारदा सहायक खंड-16 बल्दीराय नहर पटरी की सड़क और वलीपुर से मिठनेपुर होते हुए अलीगंज तक की सड़क को कुछ दिन पहले पैचिंग की गई थी। कुछ दिन में ही काली गिट्टियां उखड़कर बिखर गईं। इससे दो पहिया वाहन चालक फिसलकर गिरने लगे। आलम यह रहा कि मजदूरों को लगाकर काली गिट्टियों को एकत्रित कर हटाया गया। मुख्य विकास अधिकारी अतुल वत्स का कहना है कि गुणवत्ताविहीन कार्यो की जांच कराई जाएगी।
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