एयरफोर्स के फाइटर प्लेन की कल यूपी में गर्जना सुनाई देनी वाली है। दरअसल, सुल्तानपुर में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर बनी एयर स्ट्रिप का ट्रायल होना है। इस पर सुखोई और मिराज जैसे विमानों को उतारा जाएगा। इसके लिए एयरफोर्स ने तैयारियां पूरी कर ली गई है।
लखनऊ से गाजीपुर पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का निर्माण करीब पांच साल पहले शुरू हुआ था। इस एयर स्ट्रिप के बनने के बाद एक्सप्रेस वे पर 3-3 एयर स्ट्रिप वाला यूपी देश का पहला राज्य बन गया है। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे देश की राजधानी दिल्ली को मथुरा, आगरा, लखनऊ, आजमगढ़ के रास्ते सीधे गाजीपुर से जोड़ेगा।
रन-वे वाला यूपी का तीसरा एक्सप्रेस-वे
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे यूपी का तीसरा एक्सप्रेस-वे, जहां लड़ाकू विमान लैंडिंग और टेक ऑफ कर सकेंगे। इससे पहले आगरा एक्सप्रेस-वे और यमुना एक्स्प्रेस वे पर लड़ाकू विमान उतर चुके हैं। भारतीय वायुसेना आगरा एक्सप्रेस-वे पर मिराज 2000, जगुआर, सुखोई-30 और सुपर हरक्यूलस जैसे जहाज सफलतापूर्वक उतार चुकी है।
जानें, एयर स्ट्रिप के बारे में
फाइटर प्लेन ही क्यों उतरेंगे
सामरिक दृष्टि से यह एयर स्ट्रिप काफी महत्वपूर्ण है। युद्ध जैसे हालातों में यह काम आते हैं। दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए इन हवाई पट्टियों से फाइटर प्लेन तुरंत एक्शन ले सकते हैं। अमूमन युद्ध के समय दुश्मन एयर स्टेशन को निशाना बनाते हैं, उस दौरान इन्हें बंद कर दिया जाता है, तब लैंडिंग और टेकऑफ के लिए यही एयर स्ट्रिप काम आते हैं, इसलिए इनकी ताकत जांच लेना जरूरी है।
आगरा एक्सप्रेस-वे पर उतरे थे फाइटर प्लेन
लगाया गया एयर ट्रैफिक सिग्नल कंट्रोलर
सुल्तानपुर के कूरेभार स्थित अरवल कीरी में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर यह एयर स्ट्रिप बनाई गई है, जो करीब 3.5 किमी लंबी है। यहां से कुछ किलोमीटर दूर कूरेभार थाने में एयर ट्रैफिक सिग्नल कंट्रोलर लगा दिया गया है। सुखोई एसयू-30 एमकेआई एयरक्राफ्ट एयर स्ट्रिप पर उतर सकता है। लखनऊ से इसके उड़ान भरने की तैयारी है।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
कूरेभार ब्लॉक के अरवल कीरी स्थित कार्यक्रम स्थल पर फुल प्रूफ पंडाल तैयार किया जा रहा है। बैरिकेडिंग से लेकर साफ-सफाई का सारा काम हो गया है। सुरक्षा की दृष्टि से सीमेंट के खंभे लगाकर उसमें कटीले तार लगाए जा रहे हैं। सुरक्षा ऐसी है कि जमीन और आसमान पर परिंदा भी पर नहीं मार सकेगा।
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