सुल्तानपुर से भाजपा की जिला पंचायत अध्यक्ष ऊषा सिंह को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच से बड़ी राहत मिली है। दिसंबर माह में MP/MLA ने उन्हें मारपीट के जिस मामले में दो साल की सजा व जुर्माना लगाया था। उस पर हाईकोर्ट ने उस पर रोक लगा दिया है। उच्च अदालत के निर्णय के बाद ऊषा सिंह के समर्थकों में खुशी है। हाईकोर्ट ने अपील के निस्तारण तक सजा पर रोक लगाई है। जिससे अब अध्यक्ष पद पर बने रहने का रास्ता साफ हो गया है।
2016 का है प्रकरण
घटना 5 फरवरी साल 2016 की है। धनपतगंज ब्लॉक प्रमुख चुनाव के दौरान नीलम कोरी और जानकी देवी नामांकन करने ब्लॉक पर गई थीं। इस समय दोनों पक्ष में विवाद और अंत में बवाल और मारपीट हुई। प्रत्याशियों समेत कई लोगों को चोटें आई। नीलम कोरी की तरफ से जिपं अध्यक्ष उषा सिंह ने पूर्व विधायक उनके ब्लॉक प्रमुख भाई, राम मूर्ति सिंह, अतुल सिंह व अजीत यादव के खिलाफ केस दर्ज कराया।
क्रॉस केस में भी दो-दो साल की सजा
वहीं दूसरी ओर ब्लॉक प्रमुख यशभद्र सिंह का केस दर्ज नहीं किया गया। तब उन्होंने कोर्ट की शरण ली। अदालत के निर्देश पर जिपं अध्यक्ष उषा सिंह उनके पति शिवकुमार सिंह, राजेंद्र मिश्र, कमला देवी, रमाकांत मिश्र, सिराज व दद्दन दुबे के विरुद्ध केस दर्ज हो गया। दोनों केस में सुनवाई साथ चली। जज एकता वर्मा ने साक्ष्य के आधार पर पूर्व विधायक उनके ब्लॉक प्रमुख भाई आदि आरोपियों को 2-2 वर्ष साल कैद और 4-4 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाया। उधर क्रॉस केस में सभी को दो-दो साल कैद व दो-दो हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। सभी दोषियों को अपील तक जमानत पर रिहा कर दिया गया था।
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