PM मोदी के भाषण के सियासी मायने:कालनेमि का जिक्र कर कांग्रेस तो गुंडाराज से सपा को घेरा, अवधी-भोजपुरी से पूर्वांचल साधने की कोशिश

लखनऊ/सुल्तानपुर2 वर्ष पहलेलेखक: श्याम द्विवेदी
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'जौने धरती पर हनुमान जी कालनेमि के बध किए रहे उ धरती के लोगन के हम पांव लागित हैं। 1857 के लड़ाई मा इहां के लोग अंग्रेजन के छठी के दूध याद देवाई दे रहे। ये धरती के कण-कण मा स्वतंत्रता संग्राम के खुशबू बा। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के सौगात मिलत बा, जेके आप सब बहुत दिन से ओगरत रहिन। आप सभई के बहुत-बहुत बधाई।'

अवधी और भोजपुरी भाषा में ये शब्द प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हैं। इस तरह से पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर 30 जिलों की 10 करोड़ आबादी को साधने की कोशिश की। साथ ही, कालनेमि राक्षस का जिक्र कर मोदी ने कांग्रेस को घेरा। इसके साथ ही अपने भाषण से कानून व्यवस्था और बिजली कटौती का हवाला देकर उन्होंने पूर्व की सपा सरकार पर भी तंज कसा।

पढ़िए, पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से मोदी के 5 सियासी वार...

1. राम भक्तों को खुश करने का प्रयास
चार दिन पहले संभल में कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने रामभक्तों की तुलना कालनेमि राक्षस से कर दी थी। उन्होंने रामायण का प्रसंग सुनाते हुए जय श्रीराम कहने वालों की तुलना राक्षस से की थी। अल्वी ने कहा था, 'जो जय श्रीराम का नारा लगाते हैं वे सभी मुनि नहीं, वो निशाचर होते हैं। होशियार रहने की जरूरत है।'

सलमान खुर्शीद की अयोध्या पर लिखी किताब के बाद राशिद अल्वी का यह बयान देशभर में सुर्खियों में रहा था। इससे हिंदूवादी संगठनों ने खासी नारजगी जताई थी। शायद इसी कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्वांचल एक्सप्रेस पर भाषण की शुरुआत ही कालनेमि राक्षस का जिक्र करते हुए की।

मोदी के इस भाषण से तमाम रामभक्तों में यह संदेश जाएगा कि उनका सबसे बड़ा नेता मजबूती से उनके पक्ष में खड़ा है। साथ ही यह भी संदेश है कि रामभक्त भाजपा के साथ ही सुरक्षित हैं।

पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन करते पीएम नरेंद्र मोदी।
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन करते पीएम नरेंद्र मोदी।

2. मोदी बोले- वायुसेना को दशकों तक नजरअंदाज किया गया
नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में अप्रत्यक्ष रूप से कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि इन विमानों की गर्जना उनके लिए भी होगी जिन्होंने देश में वायुसेना को दशकों तक नजरअंदाज किया है़। यानी वह कांग्रेस की बात कर रहे थे, क्योंकि भाजपा पहले भी कांग्रेस पर वायुसेना को कमजोर करने का आरोप लगाती रही है। यही नहीं, राफेल डील पर भी कांग्रेस, भाजपा पर आक्रामक रही है। इसके जवाब में भाजपा राफेल डील कम्पलिट करके एयर शो के माध्यम से दे रही है।

3. अब अपराधी डर रहे, पहले बेखौफ थे
प्रधानमंत्री ने पूर्व की सपा सरकार पर कानून व्यवस्था के नाम पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि पहले यहां चलते-फिरते राहजनी हुआ करती थी। अब राहजनी करने वाले ही जेल में हैं। अप्रत्यक्ष रूप से उन्होंने मुख्तार, अतीक, विजय मिश्रा जैसे बड़े बाहुबलियों को जेल में डालने की बात का इशारा किया।

उनका कहना था कि योगी राज में अपराधी अब खुद डर रहे हैं। दरअसल, बीते तीन विधानसभा चुनाव में कानून व्यवस्था बड़ा मुद्दा रहा है। इसी मुद्दे के चलते बसपा और सपा सत्ता में वापसी नहीं कर पाई। अब मोदी कानून व्यवस्था के सहारे योगी के पक्ष में माहौल बनाना चाहते हैं, ताकि इसके कोई साइड इफेक्ट न हों और अपराधियों पर कार्रवाई का जनता के बीच एक मुकम्मल संदेश पहुंचे।

पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर लैंड हुआ फाइटर प्लेन।
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर लैंड हुआ फाइटर प्लेन।

4. पश्चिम विकसित, पूर्वांचल प्राथमिकता में
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिम उत्तर प्रदेश की तुलना पूर्वांचल से की है। उन्होंने कहना है कि आज जितना पश्चिम का सम्मान है, उतना ही पूर्वांचल के लिए भी हमारी प्राथमिकता है। पिछले मुख्यमंत्रियों के लिए विकास वहीं तक सीमित था जहां उनका घर था। सियासी जानकारों का मानना है कि पूर्वांचल की तुलना पश्चिम से करके मोदी किसानों की नाराजगी का नुकसान यहां से करना चाहते हैं।

क्योंकि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पिछले एक साल से कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन काफी सरगर्मी से चल रहा है। भाजपा का वहां भारी विरोध हो रहा है। ऐसे में वेस्ट यूपी के 23 जिलों में भाजपा कुछ कमजोर होती दिखाई दे रही है। जिसकी भरपाई पूर्वांचल और अवध के 35 जिलों से करने की कोशिश है।

5. पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से भाजपा के विकासवाद को भी गिनाया
पीएम मोदी ने पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे भाजपा के विकासवाद को भी गिनाने कोशिश की। उन्होंने यह जताया कि भाजपा सिर्फ हिंदू मुस्लिम या राम मंदिर की ही राजनीति नहीं करती। विकासवाद भी उसकी प्राथमिकता में है, इसलिए मोदी ने कहा कि ये एक्सप्रेस-वे यूपी में आधुनिक होती सुविधाओं का प्रतिबिंब है। ये एक्सप्रेस-वे यूपी की दृढ़ इच्छाशक्ति का एक्सप्रेस-वे है। ये एक्सप्रेस-वे यूपी में संकल्पों की सिद्धि का जीता जागता प्रमाण है। जैसे-जैसे यूपी में एक्सप्रेस-वे तैयार होते जा रहे हैं, वैसे-वैसे यहां इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का काम भी शुरू होता जा रहा है।

पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे इर्द-गिर्द बहुत जल्द नए उद्योग लगने शुरू हो जाएंगे। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की विशेषता सिर्फ यही नहीं है कि यह 9 जनपदों को जोड़ेगा बल्कि यह एक्सप्रेस-वे लखनऊ को उन शहरों से भी जोड़ेगा, जहां विकास की असीम संभावनाएं हैं। योगी की सरकार कोई परिवार वाद नहीं, कोई जातिवाद नहीं सबका साथ के साथ काम में जुटी है। बहुत जल्द नए उद्योग लगेंगे 21 स्थानों को ढूंढ लिया गया है।

पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से 30 जिलों पर असर पड़ेगा।
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से 30 जिलों पर असर पड़ेगा।

इसलिए प्राथमिकता में पूर्वांचल-अवध
पूर्वांचल में वाराणसी, जौनपुर, भदोही, मिर्जापुर, सोनभद्र, प्रयागराज, गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, महाराजगंज, संतकबीर नगर, बस्ती, आजमगढ़, मऊ, गाजीपुर, बलिया, सिद्धार्थ नगर, चंदौली, अयोध्या, गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, सुल्तानपुर, अमेठी, प्रतापगढ़, कौशाम्बी और आंबेडकर नगर तो वहीं, अवध में लखनऊ और बाराबंकी को साधने की कोशिश की है।

  • दरअसल, आजादी के 70 सालों में पूर्वांचल का विकास न के बराबर हुआ है। ऐसे में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के साथ-साथ जो सड़कें प्रस्तावित हैं, उनसे पूर्वांचल के विकास का रास्ता खुल सकता है। यही वजह है कि भाजपा के शीर्ष नेताओं को यह एक्सप्रेस-वे विजय पथ की तरह दिख रहा है।
  • दूसरी ओर पूर्वांचल हमेशा ही जातीय गणित के आधार पर वोटिंग करता रहा है, जिसके लिए भाजपा अपना गणित लगातार बिठा रही है। हिंदुत्व पार्टी का मुख्य एजेंडा है।
  • 2017 चुनावों की बात करे तो भाजपा पूर्वांचल में अभी मजबूत स्थिति में है जबकि अवध में भी उसकी स्थिति ठीक है। पश्चिम कमजोर हो रहा है। ऐसे में भाजपा की रणनीति है कि पूर्वांचल से 2022 चुनावों में उसकी भरपाई की जा सके।
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