सुलतानपुर जिले के जयसिंहपुर तहसील के एसडीएम अरविंद कुमार ने अनोखे तरह से एक महिला की मदद की है। विरासत दर्ज कराने के लिए महीनों से चक्कर काट रही महिला सीधे उनके पास पहुंच गई। जिसके बाद उन्होंने प्राइवेट नंबर से लेखपाल को कॉल किया।
राजस्व कर्मी ने जब मामला सुलझाने में आनाकानी की, तो परिचय देकर एसडीएम ने निर्देश दिया कि दो दिन में मामले का निस्तारण हो जाए। फिर पीड़ित महिला को उन्होंने अपने पास से किराया देकर घर भेजा।
कई दिनों से परेशान थी पीड़िता
जयसिंहपुर कोतवाली क्षेत्र की महमूदपुर सेमरी निवासी संगीता देवी शिकायती पत्र लेकर एसडीएम जयसिंहपुर के पास पहुंची। संगीता देवी ने एसडीएम को बताया कि उसके पिता की मृत्यु के बाद उसका नाम विरासत में नही दर्ज हो रहा है।
जबकि वो अपने पिता की इकलौती वारिस है। इस पर एसडीएम अरविंद कुमार ने प्राइवेट नंबर से हल्का लेखपाल को फोनकर संगीता देवी के घर का सदस्य बताकर बात की।
पैसे देकर पीड़िता को भेजा घर
एसडीएम ने लेखपाल की कार्यशैली की जांच करने के बाद अपना परिचय बताया। साथ ही निर्देश दिया कि दो दिन के अंदर प्रकरण की जांच कर मामले का निस्तारण करें।
पीड़िता का आरोप था कि कई महीने से वो तहसील के चक्कर लगा रही है। लेकिन उसकी कोई सुनने वाला नहीं है। इस पर एसडीएम ने महिला को पांच सौ रुपए किराया-भाड़ा का खर्च देते हुए 48 घंटे के भीतर समस्या के निराकरण का आश्वासन दिया।
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