केंद्र सरकार ने स्वच्छ भारत अभियान चलाकर गंदगी खत्म करने की सार्थक योजना चलाया है। सड़क से सदन तक सांसद-विधायक, मंत्री और अधिकारी जागरुकता की दृष्टि से सफाई करते नजर भी आ जाते हैं। लेकिन दूसरी तरफ सुलतानपुर रेलवे स्टेशन स्वच्छ भारत अभियान को मुंह चिढ़ा रहा है।
रेलवे स्टेशन के मेन गेट से लेकर पार्किग क्षेत्र तक हर ओर कूड़ा ही कूड़ा है। पूछने पर स्टेशन पर आने जाने वाले यात्रियों ने कहा यहां क्या स्थिति देख रहे देखना ही है तो प्लेटफॉर्म और वेटिंग रूम की हालत जाकर देखिए। जैसा यात्रियों ने कहा था प्लेटफॉर्म-वेटिंग रूम आदि के हालात वैसे ही दिखाई दिए। पुरुष और महिला वेटिंग रूम में जहां कूड़े के ढ़ेर लगे थे। वहीं शौचालय में गंदगी इतनी की देखते ही उल्टी हो जाए।
99 लाख में दिया था सफाई का ठेका
रेल सूत्रों के मुताबिक यह कमी स्थानीय स्टेशन के अधिकारियों की नहीं बल्कि सीनियर डीसीएम और डीआरएम स्तर की कमी है। सूत्रों के अनुसार, 21 अप्रैल 2019 से 20 अप्रैल 2021 तक स्टेशन की सफाई व्यवस्था का ठेका गोरखपुर की आरएन इंडस्ट्रीस कंपनी को करीब 99 लाख रुपए में मिला था।
कोरोना काल में खत्म हो गया ठेका
कोरोना कॉल में ठेके की अवधि खत्म हो गई तो उच्चाधिकारियों के निर्देश पर लखनऊ की निशातगंज स्थित मंगल मूर्ति कंपनी को 24 अगस्त से 23 नवंबर 2021 तक तीन महीने का ठेका 4 लाख 25 हजार का दिया गया। अब इसकी समय अवधि समाप्त होने के बाद लखनऊ के अधिकारियों को स्टेशन स्वच्छ तो चाहिए।
अपने खर्च से साफ-सफाई करा रहे अधिकारी
इसके लिए प्रतिदिन सोशल मीडिया से सफाई व्यवस्था की तस्वीरें भी मांगी जा रही लेकिन इसे कराए कौन और किस बजट से हो इसके लिए उच्च अधिकारी आंख-कान बंद किए बैठे हैं। जानकारी के मुताबिक स्थानीय अधिकारी अपने जेब से पैसे खर्च कर प्राइवेट सफाई कर्मी बुलाकर थोड़ी बहुत सफाई करा रहे।
स्टेशन अधीक्षक बीएस मीना ने बताया कि नियमित टेंडर नही होने की वजह से यह समस्या बनी हुई है। उच्च अधिकारियों को सूचित किया गया है जल्द ही नियमित टेंडर कराकर इस समस्या का निदान कर दिया जाएगा।
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