उन्नाव में इलाहाबाद के सहायक बैंक मैनेजर को लखनऊ की ईओडब्लू की टीम ने घर से गिरफ्तार किया है। सहायक बैंक मैनेजर पर आरोप है, उसने बांदा में तैनाती के दौरान फसल बीमा योजना के 2 करोड़ से अधिक रुपए का बैंक के कर्मियों के साथ मिलकर घोटाला किया था।
इसमें बैंक मैनेजर और दो बाहरी आदमी भी शामिल थे। लखनऊ से आई टीम ने तत्कालीन सहायक बैंक मैनेजर का जिला अस्पताल में मेडिकल परीक्षण करवाया। उसके बाद लखनऊ लेकर चली गई।
अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कर दिया था पैसा
बताया जा रहा है इन लोगों ने पैसों का गबन करने के लिए बैंक में फर्जी अकाउंट बनवा दिए थे। उसके बाद उन खातों में 2 करोड़ की राशि को अलग-अलग अमाउंट में ट्रांसफर कर दिया था। बताया जा रहा है पैसा लाभार्थियों के खाते में नहीं पहुंचने पर इसकी शिकायत की गई।
जिसके बाद पाया गया कि बैंक में भेजी गई राशि में 2 करोड़ 16 लाख रुपए का हिसाब नहीं है। मामले में जांच के आदेश दिए गए। जिसके बाद उन्नाव के रहने वाले विनोद कुमार का नाम सामने आया था। तब विनोद समेत बैंक के 5 पुलिस कर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया था। बैंक मैनेजर को भी बर्खास्त किया गया था।
बैंक कर्मियों के खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा
सदर कोतवाली क्षेत्र के सिविल लाइंस में रहने वाले विनोद कुमार बांदा के जसपुरा में इलाहाबाद बैंक में सहायक बैंक मैनेजर के पद पर 2017 में तैनात थे। उसी दौरान ब्रांच में संदीप नायक मैनेजर थे।
सरकार के द्वारा आई फसल बीमा योजना की धनराशि का बैंक के 5 कर्मियों समेत दो बाहरी व्यक्तियों ने मिलकर घोटाला किया। मामले की जांच हुई तो फर्जीवाड़ा सामने आया। जिसके बाद जसपुरा थाना में बैंक कर्मियों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया गया। 2018 में केस दर्ज हुआ था। तभी से बैंक मैनेजर संदीप नायक फरार है।
जांच में बैंक कर्मियों की मिलीभगत पाई गई
मुकदमा लखनऊ के आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा ट्रांसफर कर दिया गया। जांच पड़ताल के दौरान मामले में बैंक कर्मियों की मिलीभगत पाई गई। रिपोर्ट के आधार पर घोटाले में शामिल 5 बैंक कर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया था।
वहीं बांदा के ही रहने वाले दो बाहरी व्यक्तियों को भी टीम ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। मंगलवार को ईओडब्ल्यू के इंस्पेक्टर गोविंदा अपने साथी राजकुमार के साथ उन्नाव पहुंचे। वहां उन्होंने विनोद को घर से गिरफ्तार कर लिया।
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