लखनऊ में विधान भवन के पास शनिवार सुबह उन्नाव के किसान महेश ने आत्मदाह का प्रयास किया। उसने खुद पर केरोसिन डालकर आग लगा ली। मौके पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों व अन्य लोग उसकी ओर दौड़े। उसे बचा तो लिया गया, लेकिन वह बुरी तरह झुलस गया है। हजरतगंज इंस्पेक्टर श्याम बाबू शुक्ला का कहना है कि महेश को सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हालत खतरे से बाहर है। डॉक्टरों के मुताबिक, वह 40 प्रतिशत तक झुलस गया है।
खबर मिलते ही उन्नाव के डीएम रविंद्र कुमार व एसपी दिनेश त्रिपाठी लखनऊ पहुंच गए। पूछताछ में पीड़ित ने बताया कि जमीन विवाद मामले में पुलिस की अनदेखी और पीएम आवास के लिए पैसे न मिलने से किसान परेशान था। उसकी सुनवाई नहीं हो रही थी। इसलिए परेशान होकर उसने यह कदम उठाया।
समाधान दिवस में भी की थी शिकायत
पीड़ित किसान महेश, उन्नाव के हसनगंज कोतवाली क्षेत्र के मलझा गांव का रहने वाला है।पीड़ित महेश के मुताबिक, उसे पीएम आवास के लिए पैसा नहीं मिल रहा है, अधिकारी सुनवाई नहीं कर रहे। उसकी शिकायत यह भी है कि उसके पास लगभग डेढ़ बीघा जमीन है। भाई सुखलाल जमीन पर कब्जा करना चाहता है। आरोप है कि इस मामले में पुलिस उसकी सुन नहीं रही है।
वहीं, हसनगंज तहसील के एसडीएम राम दत्त ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास और मनरेगा के तहत पीड़ित महेश के खाते में 1 लाख 45 हजार रुपए आए थे। पीएम आवास के तहत ही गांव के अन्य महेश के खाते में भी 1 लाख 20 हजार रुपए आए थे, इसी राशि से 40 हजार रुपए त्रुटिवश पीड़ित महेश के खाते में चले गए। जांच के बाद में अधिकारियों ने इस 40 हजार की राशि पर रोक लगा दी। महेश इसे अपना पैसा मानते हुए परेशान था। एसडीएम ने बताया कि इसकी जांच दोबारा करा ली गई है, महेश को समझा दिया गया है। बाकी जमीन विवाद उसका पारिवारिक है, जो कोर्ट में विचाराधीन है।
आगरा में भूमाफिया से परेशान महिला ने खुद को जमीन में था गाड़ा
बता दें, 23 अक्टूबर को आगरा में भी कुछ इसी तरह का मामला सामने आया था। वहां भूमाफिया से परेशान एक महिला ने अपने खेत पर समाधि लेने का प्रयास किया था। उसने खुद को जमीन में गले तक गाड़ लिया था। सिर्फ उसका सिर दिख रहा था। महिला का कहना था कि जब तक भू-माफिया पर कार्रवाई नहीं होती है। अन्न-जल नहीं लेगी। अगर उसकी सुनवाई नहीं हुई तो उसके मरने के बाद बच्चों को भी दफन कर देना।
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