उन्नाव में किशोरी से नवजात बच्चे के जन्म के बाद उसकी खरीद फरोख्त की गई। चाइल्ड लाइन प्रभारी ने रेस्क्यू अभियान के तहत नवजात बच्चे को जिला अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में भर्ती करवाया। थाने में तहरीर देकर दाई और एनम समेत पांच नामजद और अन्य पर केस दर्ज कराया।
बीघापुर चाइल्ड लाइन प्रभारी दिवाकर ओझा ने बीघापुर थाने में शिकायती पत्र देकर बताया कि बीघापुर सीएचसी पर 21 दिसंबर को किशोरी ने एक नवजात बच्चे को जन्म दिया था। उसके बाद बच्चे की खरीद फरोख्त की गई। ग्रामीणों ने चाइल्ड लाइन को मामले की जानकारी दी। तब चाइल्ड लाइन ने रेस्क्यू कर स्वास्थ्य लाभ के लिए बाल कल्याण समिति न्यायपीठ से आदेश लेकर नवजात बच्चे को जिला अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में भर्ती कराया। बाल कल्याण समिति अध्यक्ष प्रीती सिंह ने डीएम, एसपी और बाल कल्याण अधिकारी को कार्रवाई के लिए पत्र भेजा।
तब चाइल्ड लाइन प्रभारी ने बीघापुर थाना में तहरीर देकर बच्चे से संबंधित परिजन और दाई अंजू, सीएचसी एएनएम अंशू कला, छग्गू, पंकज और रेखा पर किशोर न्याय अधिनियम की धाराओं में केस दर्ज कराया। बाल कल्याण समिति अध्यक्ष प्रीती सिंह ने बताया कि बयान दर्ज किए गए हैं। बच्चा जिला अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में भर्ती है। जहां भर्ती बच्चे की हालत सामान्य बताई जा रही है।
जुड़वा भाई बहन के बीच हुआ था संबंध
बताया जा रहा है कि अचलगंज थाना क्षेत्र के एक गांव के रहने वाले जुड़वा नाबालिक भाई बहन के बीच अवैध संबंध हो गया था। जिससे बहन गर्भवती हो गई थी। बेटी के प्रसव पीड़ा होने पर मां ने उसे बीघापुर सीएचसी पर भर्ती कराया था। प्रसव होने के बाद परिजन नवजात बच्चे को सीएचसी पर छोड़ कर चले गए थे। पिता विदेश में नौकरी करता है। जानकारी पर चाइल्ड लाइन से कार्रवाई की गई थी।
एएनएम व दाई ने सांठगांठ कर बच्चे को था बेचा
बताया जा रहा है कि लोक लाज के भय से परिजनों ने मामले को दबाए रखा। किशोरी से बच्चे को जन्म देने के बाद एएनएम और दाई ने साठगांठ की और बच्चे को दाई अंजू ने अपने रिश्तेदार के हाथ 50 हजार रुपये में बेच दिया। मामला संज्ञान में आने पर चाइल्ड लाइन प्रभारी ने बच्चे को बरामद कर जिला अस्पताल में भर्ती करवाया।
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