मकर संक्रांति का शाही स्नान कल होना है, इसके बावजूद मिश्रा कॉलोनी से लेकर जाजमऊ चंदन घाट के आगे तक कई छोटे-बड़े नाले सीधे गंगा में गिर रहे हैं। जबकि शासन ने माघ मेले को लेकर सभी नालों की टेपिंग कराने के निर्देश दिये थे। इसके बावजूद जिम्मेदारों ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। जिससे स्नान के दौरान श्रद्धालुओं की आस्था को ठेस पहुंचेगी।
मकर संक्रांति स्नान का महापर्व माना जाता है। इसके स्नान के लिये शुक्लागंज के नमामि गंगे घाट, मोनू पंडा घाट, रेलवे पुल के नीचे, गंगा विशुन घाट, पुराने यातायात पुल के नीचे, जाजमऊ चंदन घाट पर हजारों की संख्या में नगर, ग्रामीण, उन्नाव, लखनऊ के अलावा दूर दराज से लोग स्नान करने के लिये आते है।
नहीं उठाया गया कोई कड़ा कदम
कल मकर संक्रांति का शाही स्नान होना है, इसके बावजूद इंद्रा नगर, मिश्रा कॉलोनी, रविदास नगर के पास बड़े नाले सीधे गंगा में गिर रहे हैं। जो गंगा स्नान करने वाले श्रद्धालुओं की आस्था कों ठेस पहुंचा सकते हैं। वहीं पालिका प्रशासन सिर्फ घाटों के समतलीकरण और साफ सफाई तक ही सीमित रहती है। पालिका ने भी शाही स्नान को लेकर अभी तक कोई कारगर कदम नहीं उठाया गया है। जिससे मिश्रा कॉलोनी से लेकर पालिका क्षेत्र तक कई छोटे-बड़े नाले सीधे गंगा में गिर रहे हैं।
शाही स्नान से पहले नहीं हुई नालों की टेपिंग
हर बार जिला प्रशासन के निर्देश पर पालिका की ओर से बडे नालों की टेपिंग कराई जाती थी लेकिन इस बार स्नान को लेकर पालिका गंभीर नहीं दिख रही है और नालों की टेपिंग तक नहीं कराई। शाही स्नान से पहले शासन ने डकारी एसटीपी का कार्य पूरा करने के निर्देश दिये थे, अभी तक एसटीपी का कार्य पूरा नहीं हो सका है। जिससे नालों का गंदा पानी सीधे गंगा में गिर रहा है। वहीं इंद्रा नगर का एसटीपी का कार्य भी पूरा नहीं हो सका है।
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