वाराणसी में डेंगू और बुखार की समस्या अब तेजी से पांव पसार रही है। BHU अस्पताल में पीडियाट्रिक वार्ड के 85 बेड फुल है। वहीं जनरल मेडिसीन का वार्ड भी लगभग भर चुका है। मगर BHU के सर सुंदरलाल अस्पताल में महज 23 मरीज ही भर्ती हैं। जबकि वाराणसी के सभी अस्पतालों में डेंगू के कुल 114 मरीज अस्पतालों में भर्ती हैं, जबकि 1500 से अधिक संदिग्ध मरीज पाए गए हैं। वहीं अब मलेरिया के भी 106 मरीजों की पुष्टि होने से स्वास्थ्य विभाग में हडकंप मच गया है। शहर के अलावा डेंगू और वायरल का कहर ग्रामीण इलाकों में भी तेजी से फैल रहा है।
BHU में हैं सबसे अधिक मरीज वाराणसी में सबसे अधिक मरीज BHU के सर सुंदरलाल अस्पताल में भर्ती हैं। पिडियाट्रिक वार्ड में कुल 85 बेड में पीकू वार्ड में 8, तो नीकू में 6 बेड हैं। इसके अलावा पीडियाट्रिक्स और जनरल मेडिसीन विभाग को सुपर स्पेश्यालिटी सेंटर में भी 60 बेड एलॉट किए गए हैं। वहीं इमरजेंसी में आने वाले डेंगू या बुखार पीड़ित बच्चों को सुपर स्पेश्यालिटी सेंटर में शिफ्ट किया जा रहा है।
डेंगू के ज्यादातर बेड खाली हैं BHU में
बीएचयू अस्पताल के एमएस प्रो. के के गुप्ता ने बताया कि सर सुंदरलाल अस्पताल में 148 एलाइजा टेस्ट हुए थे, इनमें से 43 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी।
इनमें से ज्यादातर अपने घर पर इलाज कर रहे हैं, वहीं 23 मरीज एडमिट हैं। उन्होंने बताया कि अब जितने भी मरीज आएंगे उन्हें जनरल मेडिसीन और पीडियाट्रिक्स विभाग को इलाज के लिए बेड की समस्या नहीं आएगी।
कोविड के कारण पता चल रहा डेंगू का कहर पीडियाट्रिक्स के विभागाध्यक्ष प्रो. सुनील रॉव के अनुसार कोविड के कारण लोगों में डेंगू को लेकर सावधानी बढ़ी है। जुलाई से लेकर अक्टूबर तक हर साल इतने ही बच्चे बुखार से पीड़ित होकर अस्पताल आते हैं। इस साल कोराेना के कारण परिजन और सिविल सोसायटी जागरुक हो गई है। इसलिए बीमारियां अस्पताल तक पहुंच रहीं हैं। प्रो. रॉव ने बताया कि यह तीसरी लहर की कोई आहट नहीं है। मगर निसंदेह डेंगू के कुछ मामले पिछले साल से जरूर बढ़े हैं।
मंडलीय अस्पताल में रोजाना 30 मरीज हो रहे भर्ती मंडलीय अस्पताल में पीडियाट्रिक और जनरल दोनों को मिलाकर डेंगू के कुल 9 मरीज एडमिट हैं। वहीं हर रोज बुखार से पीड़ित 300 मरीज मंडलीय अस्पताल में आ रहे हैं। रोजाना 30-40 मरीजों को एडमिट भी किया जाता है। वहीं डेंगू के कुल 20 बेड हैं, जिनमें से अभी 11 बेड खाली हैं।
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