बाबा विश्वनाथ धाम में भक्तों ने तोड़ा रिकॉर्ड:11 महीने में 8 करोड़ श्रद्धालु काशी पहुंचे, 40 करोड़ का चढ़ावा चढ़ा

वाराणसी7 महीने पहले
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वाराणसी में श्री काशी विश्वनाथ धाम की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है। लोकार्पण के बाद से अब तक यहां पर 40 करोड़ रुपए का चढ़ावा चढ़ा है, जो किसी रिकॉर्ड से कम नहीं है। बात इस साल की बात करें तो 1 अप्रैल से अब तक 27 करोड़ का चढ़ावा चढ़ा है। खास बात यह कि भक्तों में डिजिटल पेमेंट का भी खूब क्रेज है, क्योंकि चढ़ावे का 30 से 40 प्रतिशत ऑनलाइन आया है।

वहीं, पिछले 11 महीने में 8 करोड़ श्रद्धालु बाबा के दरबार में हाजिरी लगाने पहुंचे। इनमें देश ही नहीं विदेशों के भी भक्त शामिल हैं। मंदिर की भव्यता के चलते भक्त उत्साहित हैं। माना जा रहा है कि बाबा विश्वनाथ के धाम में अभी तक जो चढ़ावा आता रहा है, उससे काफी ज्यादा इस साल आएगा।

इस साल सावन के महीने में बाबा विश्वनाथ के धाम में सवा करोड़ श्रद्धालुओं ने हाजिरी लगाई थी। इसके साथ ही श्रद्धालुओं ने पांच करोड़ रुपए से ज्यादा का चढ़ावा चढ़ाया था।
इस साल सावन के महीने में बाबा विश्वनाथ के धाम में सवा करोड़ श्रद्धालुओं ने हाजिरी लगाई थी। इसके साथ ही श्रद्धालुओं ने पांच करोड़ रुपए से ज्यादा का चढ़ावा चढ़ाया था।

गर्भगृह और बाहरी दीवार पर लगा है 60 किलोग्राम सोना

बाबा विश्वनाथ के मंदिर के गर्भगृह और बाहरी दीवार को 60 किलोग्राम सोने से मढ़ा गया है। चर्चाओं के अनुसार, 37 किलोग्राम सोना गर्भगृह में और 23 किलोग्राम सोना बाहरी दीवारों पर लगा है। सोना लगाने का काम दिल्ली की एक निजी कंपनी ने किया है। दानदाता का नाम पूछे जाने पर श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने कहा कि वह सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है। मंदिर में कई श्रद्धालु गुप्तदान करते रहते हैं।

लोकार्पण के बाद से काशी विश्वनाथ धाम की लोकप्रियता काफी बढ़ गई है। यहां पर भक्तों की संख्या में दिन-ब-दिन बढ़ोतरी हो रही है।
लोकार्पण के बाद से काशी विश्वनाथ धाम की लोकप्रियता काफी बढ़ गई है। यहां पर भक्तों की संख्या में दिन-ब-दिन बढ़ोतरी हो रही है।

13 दिसंबर 2021 को हुआ था लोकार्पण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 दिसंबर 2021 को नव्य-भव्य श्री काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण किया था। उसके बाद से ही श्रद्धालुओं का भारी संख्या में काशी आना शुरू हुआ था। इसका जायजा इसी से लगाया जा सकता है कि इस साल सिर्फ सावन के महीने में सवा करोड़ श्रद्धालुओं ने बाबा विश्वनाथ के दरबार में हाजिरी लगाई थी। 5 करोड़ रुपए से ज्यादा का चढ़ावा चढ़ाया था। श्रद्धालुओं के दर्शन-पूजन का यह सिलसिला और चढ़ावा चढ़ाने का सिलसिला सावन के पहले भी जारी था और अब भी उत्साह में किसी तरह से कमी नहीं आई है।

खर्चों की बात करें, तो 2021 के अप्रैल और मई महीने में क्रमशः 38 लाख और 76 लाख रुपए खर्च हुए थे। जबकि 2022 के अप्रैल और मई माह में क्रमशः 31 लाख और 1 करोड़ 25 लाख रुपए खर्च हुए हैं। इसमें वेतन, सामान्य खर्च, आकस्मिक आदि खर्च भी शामिल है।

श्रद्धालु मंदिर में आकर चढ़ावा चढ़ाने के साथ ही डिजिटल पेमेंट से भी दान कर रहे हैं।
श्रद्धालु मंदिर में आकर चढ़ावा चढ़ाने के साथ ही डिजिटल पेमेंट से भी दान कर रहे हैं।

पहले सालाना 10 से 12 करोड़ चढ़ावा चढ़ता था
विश्वनाथ मंदिर प्रशासन के अनुसार, कोरोना काल से पहले फाइनेंशियल ईयर 2018-19 में सर्वाधिक 26.65 करोड़ रुपए का चढ़ावा चढ़ा था। वह अपने आप में एक रिकॉर्ड था। उससे पहले चढ़ावे का आंकड़ा सालाना 10 से 12 करोड़ रुपए ही पहुंचा करता था। मंदिर के सीईओ सुनील कुमार वर्मा ने कहा कि नव्य और भव्य धाम के प्रति श्रद्धालुओं के अंदर गज़ब का आकर्षण और उत्साह है। यह काशी की लोकल इकोनॉमी के लिए भी एक सुखद संकेत है।

धाम में बने 33 भवनों और अन्य उपयोगी स्थानों व मार्गों में 14 भवनों व अन्य जनोपयोगी स्थानों में आम लोगों की गतिविधियां शुरू हो गई हैं।
धाम में बने 33 भवनों और अन्य उपयोगी स्थानों व मार्गों में 14 भवनों व अन्य जनोपयोगी स्थानों में आम लोगों की गतिविधियां शुरू हो गई हैं।

14 भवनों समेत अन्य स्थानों में गतिविधियां शुरू
श्री काशी विश्वनाथ धाम के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील वर्मा ने बताया कि धाम के 33 भवनों और अन्य उपयोगी मार्गों और स्थलों में से 14 भवनों व अन्य जनोपयोगी स्थलों में गतिविधियां शुरू हो गई हैं। इनमें मोक्ष की कामना के लिए आने वालों के लिए मुमुक्ष भव, बाबा के प्रसाद के लिए अन्नपूर्णा भवन, सुरक्षा व प्रशासनिक व्यवस्था के लिए पिनाक व नीलकंठ पवेलियन, विश्वनाथ द्वार (गोदौलिया गेट), शक्ति भवन, (यूटिलिटी भवन) शौचालय, गंगा दर्शनम (गंगा व्यूइंग गैलरी), ललिता घाट (ललिता पथ), जलासेन पथ (रैंप बिल्डिंग) केदार भवन, ओंकारेश्वर भवन, (यात्री सुविधा केंद्र) शुरू हो चुका है। इसके साथ ही शंकराचार्य चौक (मंदिर चौक) और भैरवनाथ द्वार (गंगा प्रवेश द्वार) का काम भी पूरा हो चुका है।

बााबा के धाम का ये सुबह का नजारा है। इसकी खूबसूरती के चलते देश ही नहीं विदेशों से भी श्रद्धालु खिंचे चले आते हैं।
बााबा के धाम का ये सुबह का नजारा है। इसकी खूबसूरती के चलते देश ही नहीं विदेशों से भी श्रद्धालु खिंचे चले आते हैं।

5 लाख वर्ग फुट तक फैला है बाबा का दरबार
श्री काशी विश्वनाथ धाम तीन हजार वर्ग फुट से विस्तार लेकर लगभग 5 लाख वर्ग फुट के विशाल क्षेत्र में परिवर्तित हो चुका है। अभी यहां टूरिस्ट फैसिलिटेशन सेंटर- महाकालेश्वर भवन, अमृत भवन (जलपान केंद्र), मानसरोवर (कैफे बिल्डिंग) गंगा दर्शनम, (व्यइंग गैलरी) एम्पोरियम, रामेश्वर भवन (सिटी म्यूजियम), सोमनाथ भवन (वाराणसी गैलरी), घृष्णेश्वर भवन (स्पिरिचुअल बुक स्टोर), व्यास भवन (वैदिक केंद्र ) भीमाशंकर अतिथि गृह (गेस्ट हाउस) त्र्यंबकेश्वर भवन (मल्टीपर्पज हॉल ) कार्तिकेय वाटिका (गोयनका छात्रावास) अमरनाथ संकुल (ब्लॉक 2) महाकालेश्वर भवन (टीएफसी) पशुपति शंकुल (वैदिक शाप) कार्तिकेय संकुल (ब्लॉक 4) मल्लिकार्जुन भवन, (यात्री सुविधा केंद्र ), कैलाश शंकुल शॉप-2, अमरनाथ शंकुल ब्लॉक-2 जैसे जनोपयोगी स्थान आमजन के लिए जल्द शुरू किए जाएंगे।

त्योहारों पर मंदिर में खास तरह की सजावट की जाती है। यहां पर कई राज्यों से फूल मंगवा कर सजावट में लगाए जाते हैं।
त्योहारों पर मंदिर में खास तरह की सजावट की जाती है। यहां पर कई राज्यों से फूल मंगवा कर सजावट में लगाए जाते हैं।

अब इस ग्रैफिक के जरिए समझिए कि देश के पांच बड़े मंदिर कितना सालाना चंदा हासिल कर रहे हैं।

अब यहां ग्रैफिक्स के जरिए जानते हैं कि मंदिर प्रबंधन को लेकर किस राज्य में कितने कानून मौजूद हैं।