वाराणसी में CNG बोट रैली खत्म हो गई है। इसके साथ ही चेत सिंह घाट पर भव्य लेजर शो की प्रदर्शनी शुरू हुई। यहां पर शिव और काशी के संबंधों के साथ एनर्जी इंडिया वीक और ग्रीन गंगा का मैसेज दिया जा रहा है। लेजर लाइट्स की मदद से चेत सिंह किला की दीवारों पर काशी की छवि को प्रदर्शित किया गया।
इस दौरान केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री मंत्री हरदीप पुरी, राज्य में ऊर्जा मंत्री समेत तमाम नेताओं का काफिला दो क्रूज और सैकड़ों बोट के साथ चेत सिंह घाट पर मौजूद था। रैली में शामिल मंत्री और नाविकों समेत अधिकारियों ने चेत सिंह घाट पर भव्य लेजर लाइट शो का लुत्फ उठाया।
यहां से दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती देखकर पूरा काफिला फिर से नमो घाट पर पहुंच गया है। यहां पर शिव स्तुति समेत संगीत कार्यक्रमों का आयोजन चल रहा है।
इसके पहले आज गंगा में नमो घाट से शुरू हुई CNG बोट रैली संत रविदास घाट पर आकर समाप्त हुई। 100 से ज्यादा CNG बोट ने गंगा में 12 किमी की लंबी दूरी 90 मिनट में तय की। वहीं, रैली से पहले वाराणसी में आज दोपहर 1 बजे से रात 8 बजे तक गंगा पर बोटिंग रोक लगा दी गई थी।
रविदास घाट पर बनेगा दूसरा CNG टर्मिनल
वाराणसी के नमो घाट पर आयोजित CNG बोट रैली को हरी झंडी केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी ने दिखाई। इस दौरान उन्होंने कहा, "वाराणसी में गंगा किनारे रविदास घाट पर दूसरा CNG टर्मिनल बनेगा। उत्तर प्रदेश सरकार से जमीन सहित अन्य औपचारिकताएं पूरी होते ही पेट्रोलियम मंत्रालय की ओर से कार्य शुरू कर दिया जाएगा।"
हरदीप पुरी ने कहा कि प्रधानमंत्री की चाह थी कि वाराणसी में नाव डीजल की जगह CNG से चले। आज बताते हुई खुशी हो रही है कि वाराणसी में 580 नावें CNG में तब्दील हो गईं हैं।
उन्होंने कहा, "डीजल की तुलना में CNG अधिक कुशल ईंधन होने के कारण नाविकों के लिए काफी बचत होती है। CNG डीजल की तुलना में 18 फीसदी ज्यादा माइलेज देती है। नाविक समुदाय ने इसका उपयोग कर पैसे बचाए हैं। वाराणसी में नाव अभी CNG से चल रहे हैं। वो समय जल्द आएगा, जब यहां पर हाइड्रोजन बोट चलती दिखेंगी।"
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में विश्वगुरु बनने की दहलीज पर खड़ा है। प्रधानमंत्री मोदी के आत्मनिर्भर भारत विजन की बदौलत आजादी के 100वें वर्ष में इसके 26 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की संभावना है। भारत ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लिए और 2070 तक शुद्ध कार्बन शून्य प्राप्त करने के लिए चार-आयामी रणनीति के माध्यम से कार्य कर रहा है।"
केरल की टीम ने किया रैली का संचालन
दुनिया के पहले नदी CNG रिफिलिंग स्टेशन नमो घाट से संत रविदास घाट के बीच में 3 स्टेशन पर 5-5 मिनट का रेस्ट टाइम था। वहीं, केरल के कोट्टयम से 6 विशेष बोट संचालकों की टीम को बुलाया गया था। इसकी पूरी मॉनिटरिंग उनके ही हाथों में थी।
भारत में पहली बार इस तरह की रैली की जा रही है। अगले महीने यूपी में होने वाले G-20 से पहले बेंगलुरु में 2 फरवरी से एनर्जी वीक मनाया जाना है। इसी के लिए काशी में CNG बोट्स की रैली हो रही है।
केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी और ऊर्जा एवं शहरी विकास मंत्री एके शर्मा नमो घाट पर शाम करीब 4.30 बजे हरी झंडी दिखाकर CNG बोट रैली को रवाना किया। गंगा में इस रैली को करने के पीछे वजह लोगों को ग्रीन एनर्जी के बारे में ज्यादा से ज्यादा जागरूक करना है। साथ ही गंगा नाविकों को CNG बोट्स चलाने की प्रेरणा मिलेगी। गंगा में प्रदूषण कम हो सके।
गंगा में 90% बोट्स हो गईं CNG
स्मार्ट सिटी के महाप्रबंधक डॉ. डी वासुदेवन ने बताया कि गंगा में दुनिया में पहली बार इतने बड़े पैमाने पर CNG आधारित बोट चल रही हैं। गंगा में कुल 657 रजिस्टर्ड बोट हैं, जिसमें से 587 को CNG में कन्वर्ट कर लिया गया है। करीब 90 प्रतिशत नावें ग्रीन एनर्जी से चल रहीं हैं। शेष बची नावों को भी इसी साल CNG कर लिया जाएगा।
फ्री में मिलेगी CNG गैस
रैली करा रहे गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड के अधिकारियों के मुताबिक, बोट रैली के साथ ही पेट्रोलियम मिनिस्ट्री से संबंधित विभागों की CNG बोट रेस भी हो रही है। रैली में भाग लेने के लिए नाविकों को फ्री में CNG गैस भी दी गई है। नगर निगम के अधिकारियों के मुताबिक, आज दोपहर 1 बजे से रात 8 बजे तक नमो घाट से रविदास घाट तक नावों का संचालन बंद कर दिया गया। काशी से दिया गया हर संदेश पूरी दुनिया में जाता है, इसलिए इस बार गंगा से ग्रीन ऊर्जा का संदेश दिया जाएगा। जो अविरल, निर्मल गंगा की गूंज के साथ पूरी दुनिया में प्रसारित होगा।
बोट रैली में क्या-क्या है खास
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