काशी हिंदू विश्वविद्यालय के PhD छात्रों को अब अंतिम सेमेस्टर में बाहर के किसी इंस्टीट्यूट के लैब में काम करने भेजा जाएगा। इसके लिए रिसर्च स्कॉलरों को 15 हजार रुपए मंथली मेंटनेंस भत्ता दिया जाएगा। यह फेलोशिप के अतिरिक्त होगा। कार्यक्रम के दौरान स्कॉलर को ऑन ड्यूटी माना जाएगा। इस योजना में उन्हीं छात्रों को मौका मिलेगा, जिनका ग्रेजुएशन और पीजी में बहुत बेहतर स्कोर होगा। जिनका PhD कोर्स वर्क पूरा हो गया होगा। कुछ अच्छे रिसर्च पेपर पब्लिश किए होंगे।
कुलपति बोले- थीसिस के लिए करें हाई क्वालिटी रिसर्च
कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने कहा, “हम चाहते हैं कि हमारे PhD छात्र अपनी थीसिस के लिए हाई क्वालिटी का रिसर्च करें। खुद को भविष्य की चुनौतियों के लिए प्रभावी ढंग से तैयार करें। इस योजना से वे एक डायवर्सिटी वाले मल्टी कल्चरल एनवार्यंमेंट में बेस्ट परफॉरमेंस दे पाएंगे। BHU के इंस्टिट्यूशन ऑफ एमिनेंस के अंतर्गत इस योजना की शुरुआत की गई है। प्रो. डीएस पांडे और प्रायोजित शोध एवं ऑद्योगिक परामर्श प्रकोष्ठ इस कार्यक्रम के संचालन की जिम्मेदारी संभालेंगे।
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