राजस्थान की राज्य संपत्ति ऊंट को तस्करी कर बागपत से NH-2 के रास्ते बिहार होते हुए पश्चिम बंगाल ले जाया जा रहा है। यह खुलासा करते हुए नई दिल्ली के NGO गौ-ज्ञान फाउंडेशन की स्वयंसेविका आर. लता देवी ने वाराणसी के रामनगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस ने 16 ऊंटों के साथ तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर जांच शुरू कर दी है।
ऊंटों की आवाज सुनकर की पीछा
नई दिल्ली के सफदरजंग डेवलपमेंट एरिया की रहने वाली आर. लता देवी ने बताया कि सोमवार को NH-2 पर तिरपाल से ढंका हुआ एक डीसीएम ट्रक जा रहा था। ट्रक से ऊंटों की आवाज आने के कारण उन्होंने अपने वाहन से उसका पीछा कर चालक को रुकने का इशारा किया। इस पर ट्रक के चालक ने उनके वाहन को टक्कर मारने की कोशिश की। उन्होंने 112 नंबर पर पुलिस को सूचित किया। पुलिस ने पीछा कर रामनगर क्षेत्र में ट्रक को रुकवाया।
तिरपाल हटाने पर उसके अंदर 16 ऊंट छटपटाते हुए दिखे। सभी के पैर और मुंह बंधे थे और उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। ट्रक में मौजूद 3 लोगों से पुलिस ने पूछताछ शुरू की। पूछताछ में आरोपियों की पहचान बागपत के कोतवाली थाना के केजीपुरा के माजिद, फोर्ट रोड ईदगाह कॉलोनी के मोहम्मद रिजवान राजपूत और मोहम्मद जाकिर के तौर पर हुई।
बागपत का आबिद कराता है तस्करी
पूछताछ में तीनों आरोपियों ने बताया कि बागपत के दोघाट
के बढ़त गांव में रहने वाला मोहम्मद आबिद ऊंटों की तस्करी कराता है। आबिद ही राजस्थान से चोरी से ऊंटों को बागपत मंगवाता है। इसके बाद उन्हें कटने के लिए कोलकाता भेजता है। कोलकाता से ऊंट अलग-अलग ठिकानों को भेजे जाते हैं। तीनों ने बताया कि ऊंट सकुशल कोलकाता पहुंच जाते तो उन्हें आने-जाने के खर्च के अलावा 10-10 हजार रुपए अतिरिक्त मिलते।
इस संबंध में रामनगर थाना प्रभारी अश्विनी पांडेय ने बताया कि DCM से 16 ऊंट बरामद कर तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। मामले की जांच शुरू कर दी गई है। इस मामले में अन्य जिस किसी की भी मिलीभगत उजागर होगी, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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