वाराणसी स्थित संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय से शास्त्री की परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले छात्रों के मेडिकल और प्रवेश पत्र देने के बाद सेना में धर्म गुरु/शिक्षक पद पर भौतिक सत्यापन रोक दिया गया है। इस समस्या के स्थायी समाधान के लिए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. हरेराम त्रिपाठी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात का समय मांगा है। इसके साथ ही रक्षा मंत्री, थलसेना प्रमुख और सेना भर्ती बोर्ड को पत्र भेजकर भी समस्या के समाधान के लिए कहा है।
UGC स्नातक के समकक्ष मानता है शास्त्री
कुलपति प्रो. हरेराम त्रिपाठी ने दैनिक भास्कर से बताया कि सेना में धर्म शिक्षक की नियुक्ति के लिए अनिवार्य योग्यता किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या महाविद्यालय से स्नातक के साथ संस्कृत में आचार्य अथवा शास्त्री की उपाधि है। इसके साथ ही कर्मकांड में एक वर्षीय डिप्लोमा मांगा जाता है। शास्त्री को यूजीसी स्नातक के समकक्ष और आचार्य को स्नात्कोत्तर के समकक्ष मानता है। इससे पूर्व भी संस्कृत विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों का चयन धर्म गुरु के पद पर होता रहा है।
छात्र परेशान न हों, हम उनके साथ
प्रो. त्रिपाठी ने बताया कि इस समस्या के स्थायी निराकरण के लिये रक्षा मंत्री से मिलने का समय निश्चित होने पर मिलकर अध्यादेश सहित स्थायी निराकरण पर बात होगी। प्रो. त्रिपाठी ने बताया कि विश्वविद्यालय में कार्यभार ग्रहण करने के बाद भी प्रयत्न कर उन्होंने ऐसी समस्या (धर्म गुरु नियुक्ति) का निराकरण कराया था। उन्होंने अभ्यर्थियों से अपील है कि वह परेशान न हों।
विश्वविद्यालय प्रशासन अपने स्तर से हर स्तर पर लिखित वार्ता कर रहा है। सेना मुख्यालय और रक्षा मंत्रालय से भी संपर्क कर व्यक्तिगत मिलने का समय मांगा गया है। जैसे ही समय मिलेगा वैसे ही तत्काल मिलकर वस्तुस्थिति से अवगत कराकर समस्या का निराकरण कराया जाएगा।
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