वाराणसी शहर अब भिखारियों से मुक्त होने जा रहा है। जिसको लेकर जिला प्रशासन एक विशेष अभियान चला रही है। G-20 की बैठक काशी में होने वाली है। इसको लेकर शहर को भिखारी मुक्त बनाने की कवायत में जिला प्रशासन जुटा है। शहर में नगर निगम की तरफ से बनी 6 टीमें शहर मौजूद भिखारियों को चिह्नित करने में जुटी हुई है। इस विशेष अभियान में नगर निगम पुलिस विभाग एवं अन्य विभाग काम कर रही है।
कमिश्नर ने कहा काशी में बढ़ी हैं भिखारियों की संख्या
कमिश्नर कौशल राज शर्मा ने बताया कि वाराणसी आने वाले पर्यटकों की शिकायत थी कि और यहां पर भिखारियों की संख्या काफी ज्यादा बढ़ गई है। पहले सिर्फ 1- 2 घाट पर ही यह भिखारी दिखाई देते हैं। लेकिन अब इनकी संख्या अत्यधिक बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि अब देखा जा रहा कि भिखारी विभिन्न मंदिरों घाट सड़कों पर पहुंचना शुरू हो गए हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि आसपास के जनपद के भिखारी भी यहां आना शुरू हो गए हैं।
कहा कि भिक्षावृत्ति मुक्त होगा काशी
कमिश्नर कौशल राज शर्मा ने कहा कि काशी को अब भिक्षावृत्ति से मुक्त कराना है, जिसको लेकर जिला प्रशासन के साथ रणनीति बनाकर इन सभी भिखारियों का रेसक्यू करने के लिए टीम गठित की गई है। वहीं उन्होंने बताया कि भिक्षा न देने हेतु प्रचार प्रसार करने के दिशा निर्देश भी दिए गए हैं। वाराणसी नगर निगम और वाराणसी पुलिस विभाग की मदद से इस अभियान के दौरान भिक्षावृत्ति निषेध अधिनियम एवं मानवाधिकार आदि का अनुपालन कराया जाएगा। लगभग हफ्ते भर में काशी को भिक्षावृत्ति से मुक्त करा दिया जाएगा, जिसका निर्देश दिया गया है।
सामाजिक संगठन के सहयोग की की गई अपील
कमिश्नर ने बताया कि अपना घर सामाजिक संस्था की मदद से हम प्रयास करेंगे कि इन लोगों का भोजन की एवं सामान दिनचर्या की जो समस्याएं होती हैं। उनको रैन बसेरे में लाकर उनका पुनर्वास कर सकें। इसके अलावा जिस जिले या प्रदेश के वह रहने वाले हैं, वहां उनको वापस भिजवाया जा सके एवं जो बच्चे हैं उन्हें पढ़ाया जा सके।
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