देश में अब तक कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के 24 केस सामने आ चुके हैं। इस बीच यूपी के 3 करोड़ 25 लाख लोग हाई रिस्क पर हैं। ऐसा हम वैक्सीनेशन के आंकड़ों के हवाले से कह रहे हैं। कई स्टडीज में यह बात साबित हो चुकी है कि वैक्सीन ओमिक्रॉन पर खास असर नहीं डाल पा रही है। दोनों डोज ले चुके लोगों में भी संक्रमण तेजी से फैल रहा है। वैज्ञानिकों ने आशंका जताई है कि जनवरी 2022 में कोरोना की तीसरी लहर आ सकती है।
ओमिक्रॉन पर दुनियाभर के 8 एक्सपर्ट्स की राय
UP में 18 साल से ऊपर 14 करोड़ 75 लाख लोगों को वैक्सीन लगाई जानी है। पहली डोज 11 करोड़ 50 लाख लोगों ने ली है। जबकि दोनों डोज महज 5 करोड़ 39 लाख लोगों ने ली है। इसमें से ढाई करोड़ लोग ऐसे हैं जिनका दूसरी डोज लेने की डेट काफी आगे बढ़ गई है। साथ में प्रदेश में 3 करोड़ 25 लाख लोग ऐसे हैं जो कि वैक्सीन से ही दूर हैं। इन्होंने कोई डोज नहीं ली और सबसे हाई रिस्क इन्हीं पर है।
हालांकि काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के वायरोलॉजिस्ट प्रोफेसर सुनीत कुमार सिंह का कहना है कि हम कोरोना की तीसरी लहर को रोक सकते हैं। जनता अपना बचाव करे, मगर सरकार भी कुछ खास उपाय करे तो नए वैरिएंट का प्रकोप हमसे दूर हो सकता है।
IMS-BHU में मॉलिक्यूलर यूनिट के प्रो. सुनीत कुमार सिंह ने तीसरी लहर से बचाने के लिए इन तरीकों को सुझाया है...
UP में 3 करोड़ 25 लाख लोग हाई रिस्क पर
कोविड वैक्सीनेशन को लेकर UP समेत कई राज्य काफी बेहतर स्थिति में है। फिर भी जो व्यक्ति अभी तक न तो संक्रमित हुआ है और न ही वैक्सीन की कोई डोज लगवाया हो, उसके लिए तीसरी लहर आपदा होगी। ये ही लोग तीसरी लहर के सबसे बड़े होस्ट या वाहक बनेंगे।
फिलहाल, UP में 18 साल से ऊपर 14 करोड़ 75 लाख लोगों को वैक्सीन लगाई जानी है। पहली डोज 11 करोड़ 50 लाख लोगों ने ली है। जबकि दोनों डोज महज 5 करोड़ 39 लाख लोगों ने ली है। इसमें से ढाई करोड़ लोग ऐसे हैं जिनका दूसरी डोज लेने की डेट काफी आगे बढ़ गई है। साथ में प्रदेश में 3 करोड़ 25 लाख लोग ऐसे हैं जो कि वैक्सीन से ही दूर हैं। इन्होंने कोई डोज नहीं ली और सबसे हाई रिस्क इन्हीं पर है।
ढाई करोड़ लोगों ने नहीं ली दूसरी खुराक
वैक्सीन हेजीटेंसी के शिकार हाई रिस्क वाले 3 करोड़ 25 लाख लोग हैं। इन्हें सिंगल डोज वाली वैक्सीन लगाकर ही सुरक्षित किया जा सकता है। दूसरे स्थान पर ढाई करोड़ लोग हैं जो लापरवाही से दूसरी खुराक नहीं ले रहे हैं। इन्हें तत्काल वैक्सीन की दूसरी डोज देनी चाहिए। तीसरा सबसे बड़ा संकट दोनों डोज ले चुके लोगों पर भी है। इन्हें बूस्टर डोज देकर सुरक्षित किया जाना चाहिए।
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