आज शारदीय नवरात्रि की नवमी है। नवमी के दिन मां सिद्धिदात्री देवी के दर्शन की मान्यता है। वाराणसी में इनका अति प्राचीन मंदिर मैदागिन गोलघर इलाके की सिद्धमाता गली में स्थित है। सिद्धिदात्री देवी सभी प्रकार की सिद्धियों को देने वाली देवी हैं। देवी पुराण के अनुसार भगवान शिव ने सिद्धिदात्री देवी की कृपा से ही आठ सिद्धियों को प्राप्त किया था। इन्ही की अनुकंपा से भगवान शिव का आधा शरीर देवी का हुआ था। जो अर्धनारीश्वर के नाम से जाना जाता है।
देवी मां के इस स्वरुप के दर्शन के लिए नवरात्रि के सभी दिन भक्तों की खासी भीड़ उमड़ती है। नवमी के दिन श्रद्धालु भोर से लेकर देर रात तक मां सिद्धिदात्री देवी का दर्शन-पूजन करते हैं।
नवमी के दिन दर्शन करना विशेष फलदायी
श्री श्री सिद्धमाता जी मंदिर के पुजारी बच्चालाल मिश्र ने बताया कि नवमी के आज खास दिन मां के दर्शन के लिए भक्त न केवल वाराणसी बल्कि दूरदराज से भी आते हैं। मान्यता है कि नवरात्रि में जो भक्त देवी दरबार में दर्शन नहीं कर पाते हैं, वे नवमी के दिन मां सिद्धिदात्री देवी के दर्शन कर लें तो उनको पूर्ण फल की प्राप्ति होती है। मैदागिन गोलघर इलाके में स्थित श्री श्री सिद्धमाता मंदिर का उल्लेख काशी खंड में है। इनके दर्शन मात्र से परेशान लोगों की परेशानी दूर होती है और मनोकामना की पूर्ति होती है।
कल और परसों होगा प्रतिमाओं का विसर्जन
दुर्गा पंडालों में स्थापित प्रतिमाओं का विसर्जन खिड़किया घाट और रामनगर-सामने घाट के समीप 15 और 16 अक्टूबर को किया जाएगा। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने नगर निगम को दोनों स्थान पर कुंड बनाने की जिम्मेदारी सौंपी है। पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश ने दोनों विसर्जन स्थलों पर 3-3 थानेदारों की तैनाती का निर्देश दिया है। इसके साथ ही विसर्जन रूट पर पर्याप्त संख्या में पुलिस और पीएसी के जवान तैनात रहेंगे।
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