काशी में आज भगवान सूर्य की आराधना का महापर्व मकर संक्रांति मनाया जा रहा है। काशी के ज्योतिषाचार्यों के अनुसार भगवान भास्कर ने शुक्रवार की रात धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश किया था। सूर्य सिद्धांत के कारण मकर संक्रांति आज दोपहर 12:49 बजे तक मनाई जाएगी। भगवान भास्कर के धनु से मकर राशि में प्रवेश करने के साथ ही खरमास का समापन हो गया और अब मांगलिक कार्य पुन: शुरू हो जाएंगे। हालांकि कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच गंगा स्नान और दान के दौरान श्रद्धालु सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का पालन करते नहीं दिखे, जो कि एक गंभीर चिंता का विषय है।
बाबा विश्वनाथ को लगेगा खिचड़ी का भोग
मकर संक्रांति पर आज श्रीकाशी विश्वनाथ को मंगला आरती के बाद तिल के लड्डू, मगदल, गुड़ और मूंगफली की पट्टी का भोग लगाया गया। दोपहर की भोग आरती में बाबा को देसी घी मिश्रित खिचड़ी, दही, पापड़, अचार और चटनी विशेष थाल में अर्पित की गई। शाम के समय सप्तऋषि आरती के बाद बाबा को चूड़ा-मटर का भोग लगा। मंदिर प्रशासन के अनुसार कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस बार केवल परंपरा का निर्वहन किया जाएगा और भीड़ नहीं उमड़ने दी जाएगी।
स्नान और तिलदान से दूर होते हैं कष्ट
काशी के ज्योतिषाचार्य पं. श्रीराम शर्मा ने बताया कि भगवान भास्कर की आराधना के पर्व मकर संक्रांति पर तिलदान करने से संकट दूर होते हैं। साथ ही पाप नष्ट होते हैं। सूर्य की राशि परिवर्तन से रात छोटी और दिन बड़े होने लगते हैं। सूर्य के उत्तरायण होने की वजह से मौसम में भी बदलाव होता है। आज मकर संक्रांति के पुण्यकाल में स्नान और दान फलदायी साबित होगा।
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