वाराणसी स्थित लाल बहादुर शास्त्री इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर कल यानी 1 दिसंबर से पैसेंजर का चेहरा ही बोर्डिंग पास होगा। इसके लिए नगर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया नई दिल्ली से पेपरलेस डीजी यात्रा सर्विस का वर्चुअली उद्घाटन करेंगे। डीजी यात्रा सर्विस के शुरू होने से पैसेंजर के समय की बचत होगी। साथ ही, कई तरह के कागजात को लेकर चलने से भी निजात मिलेगी।
एक साल पहले शुरू हुआ था ट्रायल
वाराणसी एयरपोर्ट पर डीजी यात्रा सर्विस का ट्रायल डेढ़ साल पहले शुरू हुआ था। अब तक साढ़े पांच हजार से ज्यादा पैसेंजर पर सर्विस का ट्रायल किया जा चुका है। फिलहाल इंडिगो एयरलाइंस के पैसेंजर को डीजी यात्रा सर्विस मिलेगी। इसके बाद एयर इंडिया और विस्तारा एयरलाइंस के विमानों में यह सर्विस मिलेगी। डीजी यात्रा सर्विस के लिए पैसेंजर गूगल प्ले स्टोर से ऐप डाउनलोड कर घर बैठै अपना रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।
एक बार होगा रजिस्ट्रेशन और सेव हो जाएगा डेटा
डीजी यात्रा सर्विस से एयरपोर्ट पर पहुंचने के बाद टर्मिनल भवन में प्रवेश से लेकर विमान में बैठने तक पैसेंजर की आईडी और टिकट वगैरह की जांच हाथ से नहीं की जाएगी। प्रवेश के समय गेट पर लगे टिकट स्कैनर के सामने टिकट रखा जाएगा, जिससे एयरलाइंस के डेटाबेस से मिलान करने के बाद पैसेंजर को आगे चेहरे और आइरिस के जांच की अनुमति दी जाएगी।
फेस स्कैनर और आइरिस स्कैनर से पैसेंजर के चेहरे और आइरिस को स्कैन किया जाएगा। उसके बाद भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के ऑनलाइन डेटाबेस से पैसेंजर के डेटा जैसे चेहरे और आइरिस का मिलान होगा। सभी जानकारियां सही मिलने पर गेट आटोमैटिक खुल जाएगा और पैसेंजर को अंदर प्रवेश मिल जाएगा।
यदि डेटाबेस का मिलान करने में कोई त्रुटि मिलेगी तो पैसेंजर को प्रवेश नहीं मिल पाएगा। पहली बार डीजी यात्रा सर्विस के माध्यम से यात्रा करने वाले पैसेंजर को पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, वोटर आईडी आदि को स्कैन कर रजिस्ट्रेशन करना होगा। यह रजिस्ट्रेशन केवल एक बार होगा, उसके बाद कभी भी डीजी यात्रा सुविधा से जुड़े एयरपोर्ट से गुजरते समय पैसेंजर इसका लाभ उठा सकेंगे।
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