मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा पिछले साल चलाई गई अभ्युदय योजना के तहत वाराणसी मंडल के 3 छात्रों का UPSC परीक्षा में सेलेक्शन हुआ है। पिछले दिनों सिविल सेवा के आए फाइनल रिजल्ट में वाराणसी के सृजन वर्मा (रैंक 39) ,कुंवर आकाश सिंह (रैंक 128) और किसलय कुशवाहा (रैंक 526) प्रशासनिक सेवा के लिए चुने गए हैं। सबसे खास बात यह है कि कोचिंग और कैंडिडेट दोनों को अपने पहले ही प्रयास में यह बड़ी सफलता हाथ लगी है।
चयन के बाद खुद इसी कोचिंग में पढ़ाएंगे
इन चयनित छात्रों ने अभ्युदय के अलावा कहीं भी तैयारी नहीं की थी। अब वे खुद भी इस सेवा में आने के बाद इसी कोचिंग में गरीब छात्रों को नि:शुल्क पढ़ाएंगे। इस संस्थान में पढ़ने-पढ़ाने के साथ ही स्टडी मटेरियल और यूट्यूब चैनल का सब्सक्रिप्शन हर छात्र के लिए मुफ्त में है। वहीं 10 अक्टूबर से दोबारा से क्लासेज शुरू हो गईं हैं।
प्राइवेट कोचिंग की रकम भरने के काबिल नहीं था परिवार
इन तीनों का परिवार निजी कोचिंग में फीस की मोटी रकम भरने के काबिल ही नहीं था। ऐसे में उन्हें सरकारी योजना अभ्युदय का सहारा मिल गया। देश के सर्वोच्च सेवा सेलेक्शन के बाद घर परिवार के लोग काफी खुश हैं।
यहां 141 विशेषज्ञ लेते हैं क्लास
सेलेक्टेड छात्रों ने कहा कि यह देश का एकमात्र संस्थान है जहां पर देश भर के 141 अनुभवी लोग क्लास लेते हैं। इसमें IAS, IPS, डॉक्टर, प्रोफेसर और इंजीनियरों की टीम अपने विषय क्षेत्र की तैयारी कराती है। इससे छात्रों को सिविल सेवा का प्रैक्टिकल नॉलेज मिलता है। उदाहरण के तौर पर, जब डॉक्टर मेडिकल साइंस के चैप्टर को पढ़ाएगा तो वह उसे अप्लाई करने का तरीका भी सिखाएगा। ठीक वैसे ही, IAS और IPS जब पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन, कोड ऑफ कंडक्ट और प्रोफेशनल एथिक्स की क्लास लेगा, तो वह रोजाना फील्ड में आने वाले चैलेंजस की भी केस स्टडी कराएगा। इसके साथ ही उसको दुरस्त करने के तमाम रास्तों पर चर्चा करेगा।
मेंस एग्जाम के आंसर राइटिंग में मिली हेल्प
सृजन वर्मा ने बताया कि कर विषय के विशेषज्ञों की क्लास से हम छात्रों में एक एनालिटिकल थिंकिंग डेवलप हुई। वहीं इस कोचिंग के मॉक टेस्ट भी इसी तर्ज पर तैयार इन्होंने किए थे। जिस कारण मेंस एग्जाम की आंसर राइटिंग में हमें दूसरों से बढ़त मिली।
आर्थिक आधार पिछड़े छात्रों को मिलता है मौका
योगी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना 'मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना' में आर्थिक आधार पर पिछड़े छात्रों को अलग-अलग प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए नि:शुल्क कोचिंग दिया जा रहा है।
यह संस्थान अपने 1 साल पूरा करते ही दिल्ली, प्रयागराज और पटना जैसे शहरों में लाखों रुपए तक की फीस वसूलने वाले कोचिंग संस्थानों को आइना भी दिखा रहा है।
निजी कोचिंग के स्टडी मटेरियल आउटडेटेड
इन सेलेक्टेड छात्रों ने बताया कि निजी कोचिंग में जो स्टडी मटेरियल छात्रों को दी जाती है वे कई-कई साल से अपडेट नहीं होते। उसमें प्रशासनिक सेवा की नई-नई चुनौतियों का जिक्र तक नहीं होता है। वहीं साल भर तैयारी करने वाले छात्रों को लिखित परीक्षा के लंबे सवालों की आंसर राइटिंग और निबंध के सेक्शन में खासा दिक्कत आती है। वहीं अभ्युदय में पूरी टीम परीक्षा और इंटरव्यू तक गाइड करती है। ऑनलाइन व ऑफलाइन क्लास, टेस्ट पेपर, मॉक इंटरव्यू ,यू -ट्यूब पर क्लासेज दिन-दिन भर चलाई गईं।
अब छात्रों मिलेगा टैबलेट
अभ्युदय वाराणसी मंडल के कोर्स कोर्डिनेटर और राजकीय संत रविदास आईएएस-पीसीएस संस्था के प्रमुख डॉ. रूपेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि सरकार की ओर से आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को पढ़ाई के लिए टैबलेट भी मिलेगा। अभ्युदय योजना से जुड़े अवकाश प्राप्त राष्ट्रपति पदक विजेता डिप्टी SP शिशिर त्रिवेदी ने बताया कि प्राइवेट कोचिंग में हो रही धन की लुटाई से लोग तंग आ चुके हैं। इसलिए जल्द ही निजी कोचिंग संस्थानों को अभ्युदय योजना पीछे छोड़ देगा।
BHU के भी प्रोफेसर हैं मुफ्त कोचिंग के मेंबर
इस योजना में डिविजनल सर्च कमेटी के सदस्य शेखर खन्ना ने देश भर के विशेषज्ञों को जोड़ा है। वहीं, रेगुलर क्लास लेने वालों में BHU के रिटायर्ड शिक्षक प्रो. प्रदीप चंद्र शुक्ला, रिटायर्ड DIG शिव कुमार उपाध्याय, रिटायर्ड जज राजीव श्रीवास्तव, यूपी साइबर सेल के हेड IPS अरविंद चतुर्वेदी, IRS पीयूष शुक्ल की भूमिका अहम थी।
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