वाराणसी कमिश्नरेट की कोतवाली थाने की पुलिस ने 11 साल से फरार 5 हजार के इनामी बदमाश राजू उर्फ रंजन मंडल को शनिवार को गिरफ्तार किया। एक किशोरी के अपहरण के मामले में वांछित राजू के पास से 1 तमंचा और कारतूस बरामद उसे अदालत में पेश कर जेल भेज दिया गया।
2011 में दर्ज हुआ था अपहरण का केस
डीसीपी काशी जोन अमित कुमार ने बताया कि बिहार के दरभंगा जिले के सिमरी निवासी राजू के खिलाफ साल 2011 के जनवरी महीने में कोतवाली थाने में 1 किशोरी के अपहरण के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया था। किशोरी को तो बरामद कर लिया गया था लेकिन राजू गिरफ्तार नहीं किया जा सका था। इसी वजह से उस पर 5 हजार रुपए का इनाम घोषित किया गया था। लंबे समय से वांछित अपराधियों की धरपकड़ का इन दिनों विशेष अभियान चलाया जा रहा है।
अभियान के तहत वांछित राजू को गिरफ्तार करने के लिए कबीरचौरा चौकी प्रभारी प्रीतम कुमार तिवारी के नेतृत्व में अंबिया मंडी चौकी इंचार्ज अखिलेश कुमार वर्मा और हेड कांस्टेबल राकेश कुमार व कांस्टेबल आनंद प्रकाश यादव की टीम गठित की गई। पड़ताल में सामने आया कि पुलिस से बचने के लिए राजू बनारस और दरभंगा में ठिकाने बदल-बदल कर रहता है। इसके साथ ही वह बिहार से मुंगेर निर्मित असलहे और कारतूस लाकर बनारस में बेंचता है।
दरोगा प्रीतम और उनकी टीम राजू के पीछे लगी हुई थी। शनिवार को सूचना मिली कि राजू चौकाघाट में मौजूद है और वहां से कैंट रेलवे स्टेशन जाएगा। इसके बाद फिर ट्रेन से वापस दरभंगा लौट जाएगा। इस सूचना के आधार पर दरोगा प्रीतम ने अपने साथी पुलिसकर्मियों के साथ घेरेबंदी कर राजू को गिरफ्तार कर लिया। लगभग 11 साल बाद गिरफ्त में आए राजू के नाम, पता और हुलिया की तस्दीक कराने के बाद उसे अदालत में पेश किया गया।
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