यूपी में गंगा-यमुना में आई बाढ़ से लोग हताहत हैं। सोमवार शाम 5 बजे आई केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, वाराणसी में गंगा खतरे के निशान से 83 सेंटीमीटर ऊपर बह रहीं हैं। वाराणसी में गंगा का जलस्तर 72.09 मीटर पर आ गया है।
जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि गंगा के जलस्तर में धीमी बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। प्रयागराज में भी पानी स्थिर हो चला है। बाढ़ राहत शिविरों में सुरक्षा के साथ-साथ खाने-पीने के मुकम्मल बंदोबस्त किए गए हैं। लगभग 40 बाढ़ राहत शिविर एक्टिव है जिसमें सेक्टर और जोनल मजिस्ट्रेट लगातार भ्रमण कर लोगों की परेशानियों को दूर करने का प्रयास कर रहे हैं। गांव में भी पशुओं के चारे के साथ-साथ लोगों को बाढ़ राहत सामग्री वितरित की जा रही है। इसमें जिले के सभी अधिकारी लगे हुए हैं। जो लोग अपने घरों से नहीं निकल पाए और छतों पर शरण लिए हैं उनको एक हफ्ते की खाद्य सामग्री है वितरित की गई है।
प्रयागराज और वाराणसी की स्थिति काफी खराब हो रही है। वाराणसी में गंगा में आए बाढ़ से करीब 2 लाख से ज्यादा लोगों पर असर पड़ेगा। वहीं, अभी तक वाराणसी में करीब 20101 लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। 10 हजार से अधिक लोग घर छोड़कर जा चुके हैं। शहर के 20 वार्ड और जिले के 104 गांव प्रभावित हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, कुल 7048 बाढ़ प्रभावितों को राहत शिविर और रिश्तेदारों के घर पर विस्थापित किया गया है। बाढ़ के पानी से जिले में करीब 370.02 हेक्टेयर फसल प्रभावित हुई है।
वाराणसी शहर और गांव दोनों हिस्सों में गंगा के बाढ़ से त्राहिमाम मचा हुआ है। गंगा को मनाने और वापस लौटने की मिन्नतें तक की जा रहीं हैं। वाराणसी के शहंशाहपुर में करीब तीन किलोमीटर इलाका और मीरजापुर की ओर जाने वाली सड़क गंगा में डूब चुकी है। आवागमन बंद कर दिया गया है। धान और सब्जियों के खेतों में लबालब पानी हो गया है। किसानों की सब्जियां और धान की फसलें बाढ़ में डूबकर खराब हो रहीं हैं। वहीं, वाराणसी में अब तक 260 हेक्टेयर से ज्यादा फसल प्रभावित हो चुकी है।
बाढ़ प्रभावित स्कूल चला रहे ऑनलाइन क्लास
वाराणसी में गंगा, वरुणा और अस्सी नाले तक में उफान है। बाढ़ आने से कई स्कूल और अस्पताल बंद कर दिए गए हैं। बाढ़ प्रभावित स्कूलों ने ऑनलाइन क्लास शुरू कर दिया है।
राजघाट पर 10 किमी/घंटे होगी ट्रेन की रफ्तार
वाराणसी के राजघाट स्थित मालवीय ब्रिज पर लगे वाटर लेवल मेजरमेंट डिवाइस को एक्टिव कर दिया गया है। वहीं, इस पुल से अब गुजरते वक्त ट्रेनों की स्पीड केवल 10 किलोमीटर प्रति घंटे ही रहेगी। गंगा से करीब दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित संकटमोचन मंदिर तक गंगा का पानी आ गया है। यहां की सड़कें जलमग्न हैं। वाराणसी में अस्सी-नगवां मार्ग पूरी तरह से बंद है। सामनेघाट-रामनगर सड़क पर कमर तक पानी भर गया है। सामनेघाट-मारुतिनगर सड़क पर गर्दन तक पानी भर गया है।
घाट के पुजारी और भिखारी भी मुश्किल में
गंगा में आई बाढ़ से वाराणसी के करीब डेढ़ हजार से ज्यादा नाविक और मल्लाह खाली बैठे हैं। घाटों पर पूजन-हवन, चुनरी, फूल-माला बेचने से लेकर पुजारियों और भिखारियों तक के निवाले बंद हैं। घाट किनारों के करीब एक हजार से ज्यादा दुकानें गंगा में जलमग्न हैं।
शवदाह में हो रही देरी
वाराणसी में बाढ़ से सबसे भयावह स्थिति मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट की है। नाव बुक करके लोग डेड बॉडी को अंत्येष्टी स्थल तक लं जा रहे हैं। लकड़ियां भी गीली हो गईं हैं। इस वजह शवदाह में काफी देर लग रहा है। मणिकर्णिका घाट के कालू डोम ने बताया कि बहुत अरसे बाद गंगा में इतनी तेजी से पानी बढ़ रहा है। लकड़ियां काफी ऊंचाई पर रखवाईं गईं हैं उसके बावजूद पानी वहां पहुंच गया और ज्यादातर लकड़ियां गीली हो गईं हैं।
नीचे फोटो में देखें गंगा का उफान...
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