ज्ञानवापी से जुड़े 6 अलग-अलग प्रकरण की सुनवाई आज वाराणसी की 2 अलग-अलग कोर्ट में हुई। इन सभी 6 प्रकरण में ज्ञानवापी परिसर हिंदुओं को सौंपने की मांग से लेकर वहां मिले कथित शिवलिंग की पूजा, शृंगार और राग-भोग के अधिकार सहित अन्य मांगें शामिल हैं।
अधिवक्ताओं के न्यायिक प्रक्रिया से विरत रहने के कारण 5 प्रकरण में सुनवाई के लिए कोर्ट ने 5 जनवरी की अगली डेट फिक्स की है। वहीं, एक प्रकरण की सुनवाई की अगली डेट 12 दिसंबर फिक्स की गई है।
आइए, आपको पढ़ाते हैं आज किन मसलों पर सुनवाई थी....
1. किरन सिंह विसेन और अन्य का केस
सिविल जज सीनियर डिवीजन महेंद्र कुमार पांडेय की फास्ट ट्रैक कोर्ट में विश्व वैदिक सनातन संघ की अंतरराष्ट्रीय महामंत्री किरन सिंह विसेन और अन्य के द्वारा दाखिल भगवान आदि विश्वेश्वर विराजमान के केस की सुनवाई हुई। इस केस को कोर्ट ने सुनवाई योग्य माना है।
इस केस के माध्यम से ज्ञानवापी परिसर हिंदुओं को सौंपने, ज्ञानवापी परिसर में मुस्लिमों का प्रवेश रोकने और वहां मिले कथित शिवलिंग की पूजा का अधिकार मांगा गया है। कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई की अगली डेट 5 जनवरी नियत की है।
2. हिंदू सेना के अध्यक्ष और अन्य का केस
सिविल जज सीनियर डिवीजन महेंद्र कुमार पांडेय की फास्ट ट्रैक कोर्ट में हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता और अजीत सिंह की तरफ से दाखिल केस की आज सुनवाई हुई। इस केस में ज्ञानवापी परिसर में मिले कथित शिवलिंग की पूजा, शृंगार और राग-भोग की अनुमति मांगी गई है। इसकी सुनवाई की अगली डेट 5 जनवरी फिक्स की गई है।
3. पर्यावरणविद की ओर से दाखिल प्रार्थना पत्र
सिविल जज सीनियर डिवीजन महेंद्र कुमार पांडेय की फास्ट ट्रैक कोर्ट में पर्यावरणविद प्रभुनरायन की तरफ से प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया है। प्रार्थना पत्र में ज्ञानवापी में दृश्य व अदृश्य देवताओं के राग-भोग, दर्शन-पूजन के साथ गैर हिदुओं का प्रवेश वर्जित करने और सांस्कृतिक विरासत को पुनर्स्थापित करने की मांग की गई है। प्रार्थना पत्र में आस्था के साथ वैज्ञानिक पद्धति के आधार पर अनुतोष देने का अनुरोध किया गया है। इसकी सुनवाई की अगली डेट 5 जनवरी फिक्स की गई है।
4. एडवोकेट सहित अन्य का प्रार्थना पत्र
सिविल जज सीनियर डिवीजन महेंद्र कुमार पांडेय की फास्ट ट्रैक कोर्ट में ज्योतिर्लिंग आदि विश्वेश्वर विराजमान की तरफ से एडवोकेट अनुष्का तिवारी और इंदु तिवारी ने प्रार्थना पत्र दिया है। प्रार्थना पत्र के माध्यम से ज्ञानवापी स्थित आराजी पर भगवान का मालिकाना हक घोषित करने, केंद्र व राज्य सरकार से भव्य मंदिर निर्माण में सहयोग करने और 1993 में ज्ञानवापी में लगाई गई बैरिकेटिंग हटाने की मांग की गई है। इसकी सुनवाई की अगली डेट 5 जनवरी फिक्स की गई है।
उधर, भेलूपुर निवासी विवेक सोनी की ओर से दाखिल अर्जी पर भी शुक्रवार को ही सिविल जज सीनियर डिविजन महेंद्र कुमार पांडेय की फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई होनी थी। इसकी अगली सुनवाई की डेट भी 5 जनवरी फिक्स की गई है।
5. स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सहित अन्य का प्रार्थना पत्र
सिविल जज सीनियर डिवीजन कुमुदलता श्रीवास्तव की कोर्ट में शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती और रामसजीवन की तरफ से दाखिल प्रार्थना पत्र पर सुनवाई हुई। इस प्रकरण में ज्ञानवापी परिसर में मिले कथित शिवलिंग की पूजा, शृंगार और राग-भोग की अनुमति मांगी गई है।
कहा गया है कि कानूनन देवता की स्थिति एक जीवित बच्चे के समान होती है। उन्हें अन्न-जल नहीं देना संविधान के अनुच्छेद-21 के तहत दैहिक स्वतंत्रता के मूल अधिकार का उल्लंघन है। इसकी सुनवाई की अगली डेट 12 दिसंबर फिक्स की गई है।
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