ज्ञानवापी-मां श्रृंगार गौरी केस की नियमित सुनवाई आज से वाराणसी के जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेस की अदालत में हुई। अदालत ने आज तकरीबन 45 मिनट तक अलग-अलग पक्षों को सुनने के बाद केस की सुनवाई की अगली डेट 29 सितंबर फिक्स की है।
पढ़िए, आज क्या हुआ जिला जज की कोर्ट में...
वादिनी महिलाओं ने दाखिल कर रखी है कैविएट पिटीशन
वाराणसी के जिला जज की कोर्ट ने बीती 12 सितंबर को आदेश दिया था कि श्रृंगार गौरी केस की सुनवाई जारी रहेगी। इसके साथ अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी की मुकदमे की सुनवाई न होने संबंधी मांग खारिज कर दी थी।
जिला जज की कोर्ट के आदेश के खिलाफ मसाजिद कमेटी इलाहाबाद हाईकोर्ट में रिवीजन पिटीशन दाखिल करने की तैयारी में है। मसाजिद कमेटी की रिवीजन पिटीशन के मद्देनजर हिंदू पक्ष की महिलाओं की ओर से हाईकोर्ट में कैविएट पिटीशन दाखिल की जा चुकी है। ताकि, अदालत कोई भी आदेश देने से पहले वादिनी महिलाओं का पक्ष जरूर सुने।
साल भर पहले दाखिल हुआ था केस
18 अगस्त 2021 को विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह बिसेन के नेतृत्व में दिल्ली की राखी सिंह और वाराणसी की सीता साहू, मंजू व्यास, रेखा पाठक व लक्ष्मी देवी ने सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर की कोर्ट में मुकदमा दाखिल किया था।
पांचों महिलाओं ने मांग की थी कि ज्ञानवापी परिसर स्थित मां शृंगार गौरी के मंदिर में नियमित दर्शन-पूजन की अनुमति मिले। इसके साथ ही ज्ञानवापी परिसर स्थित अन्य देवी-देवताओं के विग्रहों की सुरक्षा के लिए मुकम्मल इंतजाम हो। कोर्ट ने मौके की स्थिति जानने के लिए कमीशन गठित करते हुए अधिवक्ता कमिश्नर नियुक्त करने और तीन दिन के अंदर पैरवी का आदेश दिया था।
इसके विरोध में अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी का कहना था कि श्रृंगार गौरी केस सुनवाई के योग्य नहीं है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के क्रम में वाराणसी के जिला जज की कोर्ट ने आदेश सुनाया कि श्रृंगार गौरी केस सुनवाई योग्य है।
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