केरल का एडवांस हेल्थ सिस्टम, जन जागरूकता और अति सावधानी ही कोरोना महामारी को लंबा खींच रही है। वहीं, यूपी इन तीनों मामले में केरल से पीछे रहा, मगर हमने हर्ड इम्युनिटी (नेचुरल इम्युनिटी, जो संक्रमण से मिलती है) 2 महीने पहले ही अर्जित कर ली और कोरोना से लगभग मुक्त (419 सक्रिय केस) हो चुके हैं।
यह भी सच है कि यूपी ने इस हर्ड इम्युनिटी को पाने के लिए भारी कीमत भी चुकाई और केरल की अपेक्षा यहां 3 गुना अधिक मौतें दर्ज की गईं। दूसरी ओर केरल में कोविड से बचाव के कड़े नियमों ने उसे दूसरी लहर से काफी हद तक सुरक्षित रखा और आज कोविड के मामले पीक पर हैं।
वैरिएंट के आधार पर केरल में दूसरी लहर
BHU के जीन वैज्ञानिक प्रोफेसर ज्ञानेश्वर चौबे के अनुसार जितना अधिक संक्रमण फैलेगा, किसी आबादी में उतनी ही तेज हर्ड इम्युनिटी विकसित होगी। यूपी में लॉकडाउन देर में लगा, इसलिए संक्रमण बढ़ा और हर्ड इम्युनिटी बन गई। ICMR के सीरो सर्वे में केरल की आबादी 44 फीसदी और उत्तर प्रदेश में 70 फीसदी से अधिक हर्ड इम्युनिटी विकसित हो चुकी है।
वहीं, अब इसमें वैक्सीनेशन भी जुड़ गया है, जिससे एक्वायर्ड इम्युनिटी भी साथ-साथ चल रही है। इससे उत्तर प्रदेश को फिलहाल अगले 2 माह तक कोरोना से कोई खतरा नहीं है। केरल में अभी भी वही डेल्टा वैरिएंट ही मिल रहा है, जिसने यूपी में तबाही मचाई थी। इस वैरिएंट के आधार पर केरल अभी भी दूसरी लहर से नहीं उबर पाया है।
प्रोफेसर चौबे का कहना है, केरल अब हर्ड इम्युनिटी की ओर तेजी से बढ़ रहा है। वहीं वैक्सीनेशन भी दोनों छोज को मिलाकर 40 फीसद पर जा रही है, जिससे संकेत मिलता है कि केरल अगले 6 माह के लिए कोरोना से मुक्त होने की दिशा में आगे बढ़ जाएगा।
वैक्सीनेशन में यूपी की भी स्पीड अच्छी
IMS-BHU में माइक्रोबायोलॉजी विभाग के प्रमुख प्रो. गोपालनाथ के अनुसार केरल के लोगों ने इतनी सावधानी बरती कि लोग संक्रमण के दायरे से ही बाहर हो गए। उसके मुकाबले यूपी में हर्ड इम्युनिटी तेजी से विकसित हुई।
वहीं वैक्सीनेशन की स्पीड भी उत्तर प्रदेश में काफी बेहतर है, जिससे नेचुरल और एक्वायर्ड इम्युनिटी मिलकर कोरोना को परास्त करने में बेहतर भूमिका निभा रहे हैं। केरल में 3 करोड़, तो वहीं यूपी में 9 करोड़ से अधिक लोगों ने वैक्सीन की पहली या दूसरी डोज लगवाई।
हालांकि वैक्सीनेशन की दर केरल में ज्यादा है। उन्होंने बताया कि यूपी में कोविड की तीसरी लहर नवंबर तक आ सकती है। लेकिन इसका प्रभाव सामान्य ही होगा।
कांट्रैक्ट ट्रेसिंग में केरल ने रखे उच्च मानक
जीन वैज्ञानिक प्रो. चौबे ने बताया कि हर्ड इम्युनिटी एक बड़ी आबादी में विकसित होती है, तो 3 से 6 महीने तक कोविड से सुरक्षा देती है। दूसरी लहर में लॉकडाउन यहां पर काफी बाद में लगा और इससे यूपी में हर्ड इम्युनिटी के लिए सबसे अनुकूल माहौल मिला।
प्रो. चौबे कहते हैं कि केरल और यूपी की कांट्रैक्ट ट्रेसिंग में काफी अंतर था। यहां पर कोविड का संक्रमण होने पर केवल कुछ ही लोगों को ही ट्रेस किया जा सका। जबकि केरल की शत-फीसद साक्षरता और सावधानी ने कांटेक्ट ट्रेसिंग को सुगम बना दिया।
एक गणितीय आकलन के अनुसार केरल में वास्तविक केस और रिपोर्टेड केस में 5-10 गुने का अंतर रहा, जबकि उत्तर प्रदेश में 30-40 गुने का। इस वजह से वहां पर संक्रमण रेट और संख्या दोनों काफी कम रही। इससे पूरे आबादी में हर्ड इम्युनिटी विकसित ही नहीं हो पाई।
स्टेटस | केरल | यूपी |
कुल मामले | 44,24,046 | 1708965 |
सक्रिय | 190792 | 419 |
रिकवरी | 4209746 | 1685761 |
मौतें | 22987 | 22785 |
मौत की दर | 0.58 | 1.33 |
कुल वैक्सीनेशन | 3,18,74,864 | 9,01,51,915 |
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