वाराणसी स्थित ज्ञानवापी परिसर में अदालत के आदेश से एडवोकेट कमिश्नर द्वारा सर्वे का काम निर्विघ्न संपन्न हो, इसके लिए शुक्रवार की सुबह से हवन-पूजन शुरू किया गया है। श्रीकाशी सुमेरु पीठाधीश्वर जगतगुरु स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती ने अस्सी स्थित अपने आश्रम में दंडी स्वामी और संन्यासियों के साथ तब तक हवन करते रहने का निर्णय लिया है, जब तक सर्वे की कार्रवाई शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न नहीं हो जाती है।
सर्वे के काम में कोई बाधा न पैदा हो
स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती ने हवन-पूजन के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि सनातनधर्मियों की आस्था का केंद्र ज्ञानवापी मुक्त हो। मां शृंगार गौरी और श्रीकाशी विश्वनाथ मुक्त हों। अदालत के आदेश पर होने वाले सर्वे का जो लोग विरोध कर रहे हैं, उनकी बुद्धि शुद्ध हो। सर्वे के काम में कहीं से भी कोई अवरोध न पैदा हो। फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी के काम में कोई विघ्न न पैदा हो। इसी के लिए साधु-संतों द्वारा हवन-पूजन शुरू किया गया है।
नेताओं-अफसरों की बुद्धि शुद्ध हो
स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि साल के 365 दिन मां शृंगार गौरी का दरबार सनातन धर्मियों के लिए खुला रहे और दर्शन-पूजन में कोई अड़चन न आए। जो लोग सर्वे का विरोध कर रहे हैं वह एक तरफ कहते हैं कि हम न्यायालय का आदेश मानते हैं और भारतीय संविधान में आस्था रखते हैं। वही लोग दूसरी तरफ अदालत के आदेश से होने वाले सर्वे का विरोध करते हैं, यह भला कहां से उचित हैं।
इसलिए हवन-पूजन कर देवी-देवताओं से प्रार्थना की गई है कि सर्वे के काम में कहीं से भी कोई अड़चन न आए। यह सर्वे मां शृंगार गौरी और बाबा विश्वनाथ की मुक्ति के लिए हो रहा है। इस सर्वे से करोड़ों सनातनधर्मियों की आस्था जुड़ी हुई है। लोक कल्याण से जुड़ा ऐसा काम शांतिपूर्ण तरीके से ही संपन्न होना चाहिए।
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