पहाड़ों पर हो रही लगातार बारिश का असर पूरे उत्तर प्रदेश में देखने को मिल रहा है। गंगा, यमुना, गोमती, सरयू सहित कई नदियां उफान पर हैं। गंगा के जलस्तर में हो रही बढ़ोतरी की वजह से काशी के घाट भी डूब गए हैं। प्रशासन अलर्ट मोड पर है।
तस्वीरों में देखें... कैसे घाट गंगा में डूब गए हैं-
गंगा मे डूबा प्राचीन रत्नेश्रर मंदिर
बाढ़ के चलते वाराणसी का प्राचीन रत्नेश्वर महादेव भी बाढ़ में डूब गया है। वैसे तो यह मंदिर 6 महीने तक पानी में डूबा रहता है। बाढ़ के दिनों में 40 फीट ऊंचे इस मंदिर के शिखर तक पानी पहुंच जाता है। महाश्मशान के पास बसा करीब तीन सौ साल पुराना यह दुर्लभ मंदिर आज भी लोगों के लिए आश्चर्य ही है।
नदी के किनारे से लोगों को हटाया जा रहा है। घाटों पर बाढ़ का पानी आ जाने से पंडा और नाविकों की चिंता बढ़ गई है। गंगा के प्रवाह के कारण सबसे ज्यादा प्रभावित वरुणा नदी के किनारे रहने वाले लोग होते हैं।
हालांकि, प्रशासन ने अभी किसी तरह का अलर्ट नहीं जारी किया है, लेकिन स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। इस साल बारिश के मौसम में पहली बार बाढ़ की वजह से वाराणसी के घाटों पर पानी चढ़ गया है।
गुरुवार सुबह को गंगा के जलस्तर में 88 सेंटीमीटर की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी। गुरुवार सुबह गंगा का जलस्तर 60.48 मीटर था और शाम 6 बजे बढ़कर 61.36 मीटर हो गया।
तकरीबन यही स्थिति शनिवार को भी है। लगातार बढ़ते जलस्तर की वजह से घाटों पर पुलिस को तैनात कर दिया गया है और लोगों से घाट के किनारे नहीं जाने की अपील की जा रही है।
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