वाराणसी में जिम्मेदारों की लापरवाही से कोरोना के संक्रमण की रफ्तार भयावह हो गई है। श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के साथ ही शहर भर में उमड़ रही भीड़ के अलावा अलग-अलग आयोजनों में लोग इस कदर लापरवाही बरतते नजर आए कि शनिवार की शाम कोविड पॉजिटिव की संख्या जिले में 1011 हो गई। गंभीर बात यह है कि इन संक्रमितों में से 36 ओमिक्रॉन वैरिएंट के शिकार हुए हैं। BHU के चिकित्सा विज्ञान संस्थान के विशेषज्ञों का कहना है कि अभी स्थिति और भी भयावह होने के आसार हैं।
25 दिसंबर से गजब का हुजूम उमड़ा शहर में
श्रीकाशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 दिसंबर 2021 को किया था। इसके बाद से ही यहां देश भर के लोगों की आवाजाही शुरू हुई थी। लेकिन, 25 दिसंबर से शहर में बाहर से आने वाली लोगों की भीड़ में जबरदस्त इजाफा हुआ। इस बीच 27 से 29 दिसंबर तक काशी फिल्म महोत्सव का आयोजन भी हुआ। 1 जनवरी को तो सारे कीर्तिमान ही ध्वस्त हो गए और 5 लाख लोग श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में हाजिरी लगाने पहुंचे।
1 जनवरी को ही विश्वनाथ धाम में 1000 से ज्यादा लोगों को जुटा कर शंख बजाने का कीर्तिमान भी बनाया गया। इसके बाद भी धाम में श्रद्धालुओं की आवाजाही में कमी नहीं आई और चंद दिनों में ही कोरोना संक्रमितों की संख्या भी 1000 के पार हो गई। ऐसे में यह स्पष्ट रूप से माना जा सकता है कि यदि प्रशासन और शासन के स्तर से भीड़ पर लगाम गई होती तो संक्रमण की स्थिति इतनी अनियंत्रित न होती।
अभी भी मास्क और भीड़ को लेकर सख्ती नहीं
वाराणसी में कोरोना के तेजी से बढ़ते संक्रमण के बीच भी मास्क लगाने और सोशल डिस्टेंसिंग के नियम को लेकर लोग गंभीर नहीं हैं। गंगा घाटों से लेकर बाजारों तक उमड़ रहे हुजूम को लेकर पुलिस और प्रशासन के स्तर से भी सख्ती नहीं बरती जा रही है। सिर्फ रात 10 बजने के बाद ही पुलिस दुकानें बंद कराने के लिए सख्ती के साथ पेश आती है और फिर सुबह होते ही सब जैसे का तैसा हो जाता है। लोगों की लापरवाही और उस पर भी पुलिस-प्रशासन की अनदेखी के चलते अभी कोरोना का संक्रमण और कितना बढ़ेगा, इसका जायजा लगा पाना भी मुश्किल है।
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