वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) स्थित सर सुंदरलाल अस्पताल की इमरजेंसी सेवा बंद कर दी गई है। हड़ताली जूनियर डॉक्टरों ने मंगलवार की शाम इलाज कार्य को रोक दिया है। 10 दिन पहले जूनियर रेजिडेंट्स (JR) ने 6 दिसंबर से इमरजेंसी सेवा बंद करने की धमकी दी थी। लिहाजा, आज उन्होंने इमरजेंसी सेवा ठप कर मरीजों और उनके तीमारदारों की जान सांसत में डाल दी है। डॉक्टरों की हड़ताल को देखते हुए अस्पताल प्रशासन ने इमरजेंसी मीटिंग बुलाई और जूनियर डॉक्टरों पर महामारी एक्ट लगाने के लिए DM को प्रस्ताव भी भेज दिया है।
देश भर में हड़ताल का संचालन कर रही संस्था फोर्डा (फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन) 2 दिन से इसके लिए दबाव बना रही थी। अब रेजिडेंट डॉक्टरों ने फैसला लिया है कि दूसरे शहरों की तरह से वे भी इमरजेंसी सेवा नहीं चलने देंगे। इस आपात स्थिति में अस्पताल के बाहर मरीजों की भीड़ बढ़ती ही जा रही है। इमरजेंसी में आये व्यक्ति को यहां पर इलाज या फर्स्ट एड तक का इंतजाम नहीं है। लोग रो-बिलख रहे हैं। दैनिक भास्कर ने जब अस्पताल परिसर की पड़ताल की तो पता चला कि मरीजों की इलाज व्यवस्था एनएम, वार्ड ब्वाय और नर्सों के हवाले है। वहीं वहां पर सीनियर डॉक्टर भी मौके पर मौजूद नहीं थे।
बुलाई गई है आपात बैठक
BHU अस्पताल के जिम्मेदारी अधिकारी फोन नहीं उठा रहे हैं। वहीं, जानकारी यह भी मिली है कि सभी शीर्ष अधिकारियों और डॉक्टरों की एक आपात बैठक बुलाई गई है। यहां पर हड़ताल समाप्त कराने संबंधी कुछ विचार चल रहे हैं। इसे लेकर छात्र संगठनों में काफी उबाल है। छात्र भी अपने हॉस्टलों से इमरजेंसी के बाहर धरना देने की तैयारी पर उतर गए हैं।
मौके पर इमरजेंसी में पहुंचे BHU के डिप्टी एमएस सौरभ सिंह ने हालात का जायजा लिया और जल्द हड़ताल खत्म कराने की बात कही। उन्होंने अस्पताल के कर्मचारियों से कहा कि सीनियर रेजिडेंट को ड्यूटी पर लगाया जा रहा है। वहीं कोई अन्य समस्या आए तो तत्काल उच्चाधिकारियों को अवगत कराया जाए।
26 नवंबर से हड़ताल पर डॉक्टर
NEET-PG कांउसिलिंग का मामला कोर्ट में लटका हुआ है। उस पर सुनवाई की तारीख अगले साल जनवरी में निर्धारित की गई है। इसी कारण से जूनियर डॉक्टर 26 नवंबर से हड़ताल पर हैं। इनका कहना है कि काउंसिलिंग न होने से उनकी नियुक्ति और प्रमोशन की प्रॉसेस रूकी हुई है। इसके आगे इन डॉक्टरों ने यह भी एलान किया है कि हमारी समस्या खत्म नहीं की गईं तो वे 6 दिसंबर तक इमरजेंसी सेवा से बंद कर देंगे।
Copyright © 2023-24 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.