ज्ञानवापी परिसर का कब्जा भगवान आदि विश्वेश्वर को सौंपने की मांग वाले मुकदमे को सिविल जज की कोर्ट से वाराणसी के जिला जज को ट्रांसफर करने की मांग की गई है। जिला जज की कोर्ट ही मौजूदा समय में ज्ञानवापी-मां श्रृंगार गौरी केस की सुनवाई कर रही है।
यह एप्लिकेशन आदि विश्वेश्वर केस की वादिनी किरन सिंह विसेन नहीं बल्कि मां श्रृंगार गौरी केस की वादिनी लक्ष्मी देवी, सीता साहू, मंजू व्यास और रेखा पाठक की ओर से दी गई है। अदालत ने संबंधित कोर्ट से रिपोर्ट तलब करते हुए सुनवाई की अगली डेट 21 नवंबर फिक्स की है।
जनहित में दोनों मुकदमे एकसाथ सुने जाएं
राखी सिंह, लक्ष्मी देवी, सीता साहू, मंजू व्यास और रेखा पाठक ने ज्ञानवापी परिसर स्थित मां श्रृंगार गौरी की नियमित पूजा के अधिकार के लिए वाराणसी की सिविल कोर्ट में मुकदमा दाखिल किया है। मुकदमे में यह भी मांग की गई है कि ज्ञानवापी परिसर स्थित अन्य देवी-देवताओं के विग्रह की सुरक्षा की व्यवस्था की जाए। इन्हीं पांच महिलाओं में से लक्ष्मी देवी, सीता साहू, मंजू व्यास और रेखा पाठक ने जिला जज की कोर्ट में एप्लिकेशन दी है।
चारों महिलाओं का कहना है कि दोनों मुकदमों में शामिल मूल मुद्दे समान और महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि वे पूरे हिंदू समुदाय की धार्मिक भावनाओं से संबंधित हैं। इसलिए, उन्हें एक साथ सुना जाना चाहिए। आवेदन में कहा गया है कि यह जनहित में होगा कि यदि दोनों मुकदमों की सुनवाई एक साथ की जाती है तो समय और धन की बचत होगी। साथ ही, किसी तरह की कानूनी कठिनाइयां उत्पन्न नहीं होगी। एप्लिकेशन पर सुनवाई करते हुए प्रभारी जिला न्यायाधीश ने आदेश दिया है कि इसे प्रकीर्ण वाद के रूप में पंजीकृत किया जाए। साथ ही मामले से संबंधित विवरण जिला न्यायाधीश के न्यायालय को भेजा जाए।
आदि विश्वेश्वर के मुकदमे में कल आना है ऑर्डर
ज्ञानवापी परिसर में मुस्लिमों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने, परिसर हिंदुओं को सौंपने और वहां मिले ज्योतिर्लिंग की नियमित पूजा-पाठ के अधिकार के लिए विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह विसेन की पत्नी किरन सिंह विसेन और अन्य की ओर से केस दाखिल किया गया है।
इस मुकदमे की सुनवाई वाराणसी के सिविल जज सीनियर डिवीजन महेंद्र कुमार पांडेय की फास्ट ट्रैक कोर्ट में चल रही है। मुकदमे में UP सरकार, वाराणसी के डीएम व पुलिस कमिश्नर, अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी और विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट को प्रतिवादी बनाया गया है। इस मुकदमे में बहस पूरी हो चुकी है। अदालत ने अपना आदेश सुनाने के लिए 17 नवंबर की डेट फिक्स की है।
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